Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

छल-कपट की संपत्ति विनाश का कारण बनती है- विशुद्धसागर

कटरा वर्णी कॉलोनी स्थित चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर में पट्टाचार्य विशुद्ध सागर ससंघ 27 पिछी का मंगल आगमन हुआ। आचार्य संघ की अगवानी की गई, घर-घर में रंगोली बनाकर उनका पाद प्रक्षालन किया गया।

less than 1 minute read
Google source verification

सागर

image

Rizwan ansari

Nov 25, 2025

कटरा वर्णी कॉलोनी स्थित चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर में पट्टाचार्य विशुद्ध सागर ससंघ 27 पिछी का मंगल आगमन हुआ। आचार्य संघ की अगवानी की गई, घर-घर में रंगोली बनाकर उनका पाद प्रक्षालन किया गया।
पट्टाचार्य विशुद्ध सागर महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जो मनुष्य अपना अस्तित्व खो देता है वह भाई के साथ नहीं रह सकता है। उन्होंने कहा कि लक्ष्मण ने अपना अस्तित्व बचाए रखा इसलिए वह राम के साथ रह सके। लोगों को सताकर और रुलाकर जो संपत्ति अर्जित की जाती है, उसका भोग नहीं कर सकते। वह संपत्ति किसी काम नहीं आती, लेकिन जो भाग्य से अर्जित की जाती है, उसका भोग सुख-समृद्धि से कर सकते हैं। विवेक से अर्जित की गई संपत्ति उसकी आयु लंबी होती हैं। छल-कपट की संपत्ति विनाश का कारण बनती है।
उन्होंने आगे कहा कि स्वभाव और आचरण मनुष्य को आकर्षित करता है। किसी भी जगह का तीर्थ भूमि होना महत्वपूर्ण नहीं होता है। उस भूमि पर बैठकर तप करना महत्वपूर्ण है। संस्कृति के उत्थान और पतन मनुष्य के भावों पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि पुण्य करोगे, तो सुख समृद्धि होगी और पाप करने वाले हमेशा दुखी रहते है।