
फाइल फोटो पत्रिका
शास्त्री वार्ड स्थित धर्मटाल के पास पुरानी दुश्मनी को लेकर लोहे के बका और कटर से जानलेवा हमला करने के मामले में तीन लोगों को दोषी करार दिया गया है। अपर सत्र न्यायाधीश दिलीप सिंह परमार की अदालत ने तीनों को कठोर सजा सुनाई है। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक हरिशंकर विश्वकर्मा ने पीड़ित, चश्मदीद गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर पैरवी की। न्यायालय ने सुनियोजित हत्या का प्रयास मानते हुए तीनों को दोषी ठहराया। चौथा आरोपी जित्तू अहिरवार अभी फरार है, उसकी तलाश जारी है।
घटना 15 अक्टूबर 2024 की रात करीब 8 बजे की है। फरियादी रवि अहिरवार ने मोतीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह टेंट का काम करता है और उसके परिवार का टोड़ेलाल अहिरवार के परिवार से वर्षों पुराना विवाद चल रहा है। रात में रामू, उसके भाई जित्तू, बाबू और पिता टोड़ेमल घर के बाहर पहुंचे और गालियां देने लगे। जब अनिकेत अहिरवार ने बाहर निकलकर विरोध किया तो आरोपियों ने कहा कि आज इसे खत्म कर देंगे।
बाबू और टोड़ेमल ने अनिकेत को दबोच लिया। रामू ने बका से सिर, गर्दन, दाहिना हाथ, पीठ और कमर पर लगातार वार किए, जबकि जित्तू ने कटर से हाथ की उंगलियों और पीठ पर हमला किया। गंभीर रूप से घायल अनिकेत जमीन पर गिर पड़ा तो आरोपियों ने लातें मारते हुए पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी और फरार हो गए। मोतीनगर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच की। चारों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ आयुध अधिनियम के तहत अभियोग-पत्र न्यायालय में पेश किया गया।
मुख्य आरोपी रामू उर्फ प्रहलाद अहिरवार, बाबू उर्फ बाबूलाल अहिरवार और टोड़ेमल उर्फ टोड़ेलाल अहिरवार को भारतीय न्याय संहिता-2023 की धारा 109 सहपठित धारा 3(5) के तहत पांच-पांच साल का सश्रम कारावास और दो-दो हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
आरोपी रामू उर्फ प्रहलाद अहिरवार को आर्म्स एक्ट की धारा 25(1-बी)(बी) में अलग से दो साल का सश्रम कारावास और एक हजार रुपए जुर्माने की अतिरिक्त सजा दी गई है। अदालत ने स्पष्ट किया कि दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। अर्थदंड की पूरी राशि पीड़ित अनिकेत अहिरवार को दी जाएगी।
Published on:
24 Nov 2025 04:56 pm
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