
स्कूल में बच्चों को पढ़ाती टीचर। पत्रिका फाइल फोटो
सीकर। राजस्थान के दो लाख से अधिक दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए राहतभरी खबर है। अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नवीं से बारहवीं तक पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को व्याख्याता मिल सकेंगे। राजस्थान में विशेष शिक्षा व्याख्याता का पद नहीं होने की वजह से विद्यार्थियों को मजबूरन वरिष्ठ अध्यापकों के सहारे ही पढ़ाई करनी पड़ रही थी।
विभाग ने 242 पदों की वित्तीय स्वीकृति गुरुवार को जारी कर दी है। इनमें से आधे पद पदोन्नति तो आधे पदों के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग की सीधी भर्ती के जरिए भरे जाएंगे। एक्सपर्ट का कहना है कि यदि शिक्षा विभाग ने तेजी से प्रयास किए तो इसी सत्र में दिव्यांग विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षाओं से पहले ही विशेष शिक्षक मिल सकेंगे। सेवा नियमों में संशोधन की वजह से दो साल से यह मामला उलझा हुआ था। सूत्रों की माने तो विभाग की ओर से छह विषयों में विशेष शिक्षा व्याख्याता की नई भर्ती की जाएंगी।
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में व्याख्याता विशेष शिक्षा नहीं होने की वजह से ड्रॉप आऊट का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। एक्सपर्ट ने बताया कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में व्याख्याता विशेष शिक्षा नहीं होने से हर साल दो हजार से अधिक विद्यार्थियों को मजबूरन दूसरे राज्यों में उच्च माध्यमिक कक्षाओं की पढ़ाई करने जाना पड़ रहा है।
शिक्षा विभाग के अनुसार पहले चरण में ज्यादा नामांकन वाले स्कूलों में व्याख्याता विशेष शिक्षा नियुक्त करने की योजना है। इसके अलावा जिला मुख्याल व ब्लॉक के कार्यालयों में भी एक-एक पद विशेष शिक्षा व्याख्याता का सृजित होगा।
प्रदेश मेें वरिष्ठ अध्यापक विशेष शिक्षा की भी अभी तक एक बार ही भर्ती हो सकी है। जबकि दिव्यांग विद्यार्थियों का नामांकन, क्रमोन्नत स्कूलों की संख्या व शिक्षा विभाग के नए ब्लॉकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके बाद भी सरकार की ओर से अभी तक नई भर्ती की तैयारी शुरू नहीं की है। वहीं सामान्य शिक्षा तृतीय श्रेणी की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। लेकिन विशेष शिक्षकों के लिए अभी तक चयन बोर्ड ने विज्ञप्ति जारी नहीं की है। इस कारण विशेष शिक्षा में बीएड व डीएड करने वाले विद्यार्थियों में मायूसी है।
प्रदेश में प्रथम श्रेणी व्याख्याता विशेष शिक्षा के पद सृजित होने से नामांकन की डोर और मजबूत होगी। मूक बधिर व नेत्रहीन विद्यार्थियों के लिए स्कूलों में व्याख्याता नहीं होने से इनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वित्त की अधिसूचना से प्रदेश के दिव्यांग विद्यार्थियों में बेहतर शिक्षा की एक उम्मीद जगी है। वहीं विशेष शिक्षकों की पदोन्नति की राहें भी अब खुलेगी।
-विपिन प्रकाश शर्मा, प्रदेश संयोजक, राजस्थान विशेष शिक्षक संघ
Published on:
14 Nov 2025 11:23 am
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