Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rajasthan: गांजा तस्करी के मामले में ‘पूर्व NSG कमांडो’ गिरफ्तार, 26-11 हमले में आतंकियों से लोहा ले चुका है आरोपी

एटीएस व एएनटीएफ ने कारंगा निवासी बजरंग सिंह को चूरू के रतनगढ़ से किया गिरफ्तार किया है। 2021 में सेवानिवृति के बाद वह गांजा सप्लाई के काले कारोबार का सरगना बन गया था।

2 min read

सीकर

image

Kamal Mishra

Oct 03, 2025

Former NSG commando arrested

गांजा तस्करी के मामले में गिरफ्तार पूर्व एनएसजी कमांडो (फोटो-पत्रिका)

सीकर। तेलंगाना व उड़ीसा से राजस्थान में गांजे की तस्करी के कुख्यात आरोपी फतेहपुर के कारंगा निवासी बजरंग सिंह को एटीएस व एएनटीएफ की टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपी एनएसजी का कमांडो रह चुका है, जो मुंबई के होटल ताज पर हुए 26-11 हमले में आतंकवादियों से निपटने वाले दस्ते में शामिल था।

2021 में सेवानिवृति के बाद वह गांजा सप्लाई के काले कारोबार का सरगना बन गया। एटीएस के पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि आरोपी पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित था। दो महीने की कड़ी मशक्कत के बाद उसे चूरू के रतनगढ़ से गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में उसने कई राज भी उगले हैं।

फतेहपुर में भी मुकदमा दर्ज

बजरंग सिंह गांजा तस्करी में कुख्यात हो गया था। वह क्विंटलों में गांजा सप्लाई करता था। उसके खिलाफ दर्ज कई मुकदमों में एक फतेहपुर का भी है। कारंगा में इसी साल 14 अप्रैल को विरेंद्र सिंह के खेत में सवा तीन क्विंटल गांजा मिलने के मुकदमे में उसका नाम शामिल था। इससे पहले 2023 में वह हैदराबाद के पास दो क्विंटल गांजा तस्करी के मामले में गिरफ्तार भी हुआ था। बजरंग सिंह जिला परिषद सदस्य जितेंद्र कारंगा पर हमले का भी आरोपी था।

रसोइये से मिला सुराग

आरोपी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर रहा था। अपनी पहचान और ठिकाना भी बार- बार बदल रहा था। इसी बीच उसके किसी दुश्मन ने उसके साथ एक विश्वासपात्र रसोइया होने की जानकारी दी। इस पर पुलिस को मुखबिर व तकनीकी मदद से उसके चूरू के रतनगढ़ में होने की सूचना मिली। करीब एक सप्ताह की घेराबंदी के बाद दो दिन पहले एक बाइक पर जाते समय पीछाकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

कद-काठी ने एनएसजी तक पहुंचाया

छह फीट लंबाई व पहलवानी कद काठी की वजह से दसवीं तक पढ़ाई के बाद बजरंग सिंह बीएसएफ में सिपाही पद पर भर्ती हो गया था। पंजाब, असम, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और राजस्थान में सीमाओं की सुरक्षा और नक्सलवाद से जूझने के दौरान अधिकारियों की उस पर नजर पड़ी तो उसे एनएसजी कमांडो टीम में शामिल कर लिया गया। सात साल कमांडो रहने के बाद 2021 में वह सेवानिवृत हो गया। यहां पत्नी के प्रधान का चुनाव हारने के बाद वह अपराध जगत से जुड़ गया।