Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सोनभद्र में बड़ा खनन हादसा: 16 मजदूर दबे होने की आशंका, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, दो मजदूरों की मौत

सोनभद्र के बिल्ली–मारकुंडी खदान में अचानक हुए भीषण भू-स्खलन से हड़कंप मच गया। करीब 16 मजदूर मलबे में दबने की आशंका है। सूचना के मुताबिक दो भाइयों के शव मिलने से अफरा-तफरी बढ़ गई है।

2 min read
Google source verification
सोनभद्र

सांकेतिक तस्वीर फोटो जेनरेट AI

यूपी के सोनभद्र जिले में शनिवार देर शाम उस समय अफरातफरी मच गई। जब ओबरा क्षेत्र के बिल्ली–मारकुंडी खदान में अचानक भारी भू-स्खलन हो गया। लगभग चार बजे हुए इस हादसे में खदान में काम कर रहे करीब 16 मजदूर मलबे में फंस गए। प्रारंभिक सूचना में दो श्रमिकों के मौत की बात सामने आई है। लेकिन अब तक रिपोर्ट के मुताबिक 2 भाइयों के शव बरामद हुई है।

घटना के बाद खदान मालिक और उसका साझेदार मौके से फरार हो गए। हादसा होते ही जिला प्रशासन और पुलिस के शीर्ष अधिकारी तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे। और बिना देरी किए राहत अभियान शुरू कराया। अंधेरा होने के कारण खदान में बड़े पैमाने पर लाइटें लगाई गईं। और भारी मशीनरी बुलाकर रेस्क्यू शुरू किया गया।
जानकारी के अनुसार कृष्णा माइनिंग स्टोन की खदान में नौ कंप्रेशर मशीनों के साथ 18 मजदूर काम कर रहे थे। ड्रिलिंग के दौरान करीब 150 फीट की ऊंचाई से पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा भरभराकर नीचे गिर गया। मजदूरों को निकलने का मौका भी नहीं मिला। हादसे के समय दो मजदूर किनारे हटे हुए थे। इसलिए उनके बच जाने की बात कही जा रही है।

दो मजदूरों की मौत की सूचना

मजदूर छोटू यादव ने बताया कि उसके दो भाई—संतोष और इंद्रजीत भी मलबे में फंस गए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक दो मजदूरों की मौत की सूचना मिल रही है। लेकिन शव बरामद न होने के कारण आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को बुला लिया है। ओबरा परियोजना, दुसान और अल्ट्राटेक की मशीनों की मदद से मलबा हटाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के चलते खनन पर लगाई गई थी रोक, फिर भी चल रहा था

जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के चलते जिले में खनन पर रोक लगाई गई थी। लेकिन इसके बावजूद इस खदान में अवैध रूप से काम चल रहा था। उन्होंने कहा कि हादसे की जांच होगी। जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल राहत-बचाव अभियान युद्धस्तर पर चल रहा है। और स्थिति गंभीर बनी हुई है।