
श्रीगंगानगर। आपकी जरा-सी लापरवाही आपको भारी नुकसान पहुँचा सकती है। जिले में सड़क किनारे स्टॉल और कैनॉपी लगाकर लोगों के आधार-पैन कार्ड की कॉपियां लेने और बायोमेट्रिक स्कैन कर फर्जी सिम जारी करने वाला गिरोह सक्रिय हो गया है। इन सिम कार्ड को साइबर ठगों तक पहुँचाकर करोड़ों रुपए की ऑनलाइन ठगी को अंजाम दिया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि घड़साना और साइबर थाने में दर्ज दो नए मामलों में यह साफ सामने आया है कि मोबाइल सिम विक्रेता ही अपने लोगों को लगाकर भीड़भाड़ वाले इलाकों में कैनॉपी सजाते हैं। ‘पुराना मोबाइल नंबर वापस दिलाने’, ‘सस्ता डेटा प्लान’ या ‘जमीन-मकान की स्कीम’ के नाम पर लोगों से आधार-पैन की फोटोकॉपी लेकर उनका बायोमेट्रिक ले लिया जाता है। आरोपी मोबाइल से फोटो खींचकर भी रख लेते हैं, जिनके आधार पर फर्जी सिम तैयार कर साइबर गिरोह को बेच डाली जाती है।
94 सिम जारी, 30 करोड़ की ठगी
मटिली राठान क्षेत्र में प्वाइंट ऑफ सेल एजेंट नारंग मोबाइल के संचालक ने सड़क किनारे कैनॉपी लगाकर अनपढ़ और बुजुर्ग लोगों के दस्तावेज लेकर 94 फर्जी सिम जारी कर ठगों को बेच दिए। इन सिम के जरिए देशभर में 30 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी की जा चुकी है। पुलिस की जांच में यह पूरा नेटवर्क उजागर हो रहा है।
रोक के बावजूद सज रही कैनॉपी
शहर में कई जगह नियमों के बावजूद बेखौफ सिम बिक्री का धंधा चल रहा है। शिव चौक साइबर थाने के बाहर, नई धान मंडी गेट, केंद्रीय बस स्टैंड, आदर्शनगर पार्क, नेहरू पार्क, सुखाड़िया सर्किल, चहल चौक, सुखाड़िया मार्ग, इंदिरा वाटिका, दुर्गा मंदिर मार्केट और पब्लिक पार्क के पास ऐसे कई स्टॉल खुले आम सक्रिय हैं। पुलिस की कार्रवाई का अभाव इस गिरोह के हौसले और बढ़ा रहा है।
धरपकड़ के आदेश: एसपी
पुलिस अधीक्षक डा. अमृता दुहन ने कहा कि सड़क किनारे स्टॉल या कैनॉपी लगाकर सिम बेचना प्रतिबंधित है। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई के लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। जो भी इस तरह अवैध तरीके से सिम बिक्री करते पकड़ा जाएगा, उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
28 Nov 2025 12:20 am
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