यदि आप वर्ष 2003 में बालिग (18 वर्ष) से ऊपर थे और मतदाता सूची में आपका नाम नहीं था और बाद में जुड़ा तो अब आपको अपनी नागरिकता का सबूत देना होगा। मतदाता सूचियों में गड़बडिय़ों के आरोप के बाद मतदाता सूची की शुद्धताके लिए प्रदेश में 9वां “विशेष गहन पुनरीक्षण” (स्पेशल इंटेंसिव रिव्यू) एसआइआर कार्यक्रम भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया गया है। जिसके तहत जिले में 1023191 मतदाताओं के घर बीएलओ पहुंचेंगे और मतदाता से घोषणा पत्र भरवाएंगे।
एसआइआर को लेकर मंगलवार को अपर कलेक्टर सृष्टि देशमुख गौड़ा ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक ली। अपर कलेक्टर सृष्टि देशमुख गौड़ा ने बताया कि वर्ष 1951 से 2004 तक अब तक कुल 8 बार विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की कार्यवाही की जा चुकी है। मप्र में आठवीं बार वर्ष 2003 में विशेष गहन पुनरीक्षण हुआ था। उन्होंने बताया कि बार-बार होने वाले स्थानांतरण के कारण मतदाताओं के नाम एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत हो जाने से, मृत मतदाताओं के नाम को न हटाने तथा सूची में विदेशी व्यक्तियों के नाम के गलत समावेश के कारण मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की आवश्यकता पड़ती है।
तीन बार मतदाता के घर जाएंगे बीएलओ
अपर कलेक्टर ने बताया कि नए मतदाताओं के नाम जोडऩे के लिए फॉर्म 6 और घोषणा प्रपत्र बीएलओ एकत्रित करेंगे। बीएलओ अपने क्षेत्र के प्रत्येक मतदाता के घर में कम से कम तीन बार जाकर जानकारी प्राप्त करेेंगे। मतदाता या बीएलओ मतदाताओं संबंधी जानकारी मिलान के लिए अखिल भारतीय डाटाबेस के माध्यम से मदद ले सकते हैं। इस पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत ऐसे मतदाताओं की पहचान की जाएगी जो कि मृत हो गए हैं या स्थाई रूप से स्थानांतरित हो गए हैं। निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए ऐसे मतदाताओं के नाम सूची से काटे जाएंगे।
ऐसे करेंगे बीएलओ काम
-प्रत्येक मौजूदा मतदाता को गणना प्रपत्र (ईएफएस) वितरित करेंगे।
-मतदाता को अपने नाम या परिजन का नाम पिछले एसआइआर जो २००२-०४ में हुआ था, में मिलान या लिंक करने का काम करेंगे।
-ऐसे मतदाताओं की पहचान करेंगे जो मृत हैं, या स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं, या एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत हैं।
-गणना चरण के दौरान ईएफ के साथ किसी अन्य दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है।
एसआइआर में दर्ज नहीं होने पर ये दस्तावेज देने होंगे
-केंद्रीय, राज्य सरकार, सार्वजनिक उपक्रम का नियमित कर्मचारी, पेंशनर पहचान पत्र, पेंशन भुगतान आदेश।
-भारत में किसी सरकारी/स्थानीय निकाय/ बैंक/ डाकघर/एलआईसी/ सार्वजनिक उपक्रम द्वारा 01.07.1987 से पूर्व जारी कोई पहचान पत्र/प्रमाण-पत्र/दस्तावेज
-सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण-पत्र, पासपोर्ट
-किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय द्वारा जारी मैट्रिक/शैक्षणिक प्रमाण-पत्र
-सक्षम राज्य प्राधिकारी द्वारा जारी स्थायी निवास प्रमाण-पत्र
-वन अधिकार प्रमाण-पत्र
-सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी ओबीसी/एससी/एसटी या अन्य जाति प्रमाण-पत्र
-राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहां उपलब्ध हो)
राज्य/स्थानीय निकाय द्वारा तैयार पारिवारिक रजिस्टर
-सरकार द्वारा जारी भूमि/मकान आवंटन प्रमाण-पत्र
-आधार के लिए आयोग के द्वारा जारी निर्देश लागू होंगे
आयोग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम
-28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक पुनरीक्षण कार्यक्रम के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
-4 नवंबर से 4 दिसंबर तक घर-घर जाकर जानकारी व फॉर्म एकत्र करने की कार्रवाई।
-दिसंबर को प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन होगा।
-9 दिसंबर से 8 जनवरी तक प्रारूप मतदाता सूची के संबंध में दावे आपत्ति लिए जाएंगे।
-9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक सुनवाई एवं प्रमाणीकरण की प्रक्रिया की जाएगी।
-7 फरवरी 2026 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।