नागौर शहर में आबादी क्षेत्रों और सघन बाजारों में भारी वाहनों का प्रवेश अब संकट बन गया है। प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस के तमाम दावों के बावजूद, ट्रक और ट्रेलर जैसी बड़ी गाडिय़ां प्रतिबंधित समय में भी भीड़भाड़ वाले बाजारों से होकर बेखौफ गुजरती हैं। इससे न केवल जाम की समस्या बढ़ रही है, बल्कि लोगों की जान पर भी खतरा मंडरा रहा है। गत बुधवार को शहर के त्यागी मार्केट क्षेत्र में एक भारी वाहन ने प्रवेश के दौरान एक गाय को कुचल दिया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। यह वाहन प्रतिबंधित एरिया और समय में दिनदहाड़े दाखिल हुआ था। स्थानीय लोगों ने बताया कि ऐसे वाहन अक्सर बिना रोकटोक बाजारों में घुसते हैं और पुलिसकर्मी या तो दूर खड़े रहते हैं या देखते रह जाते हैं।
भीड़भाड़ वाले मार्गों पर बेकाबू ट्रैफिक
शहर के गांधी चौक, दिल्ली दरवाजा, मूण्डवा चौराहा और त्यागी मार्केट जैसे प्रमुख क्षेत्रों में ऐसे वाहनों की आवाजाही लगातार बढ़ रही है। इन इलाकों में सुबह और शाम के व्यस्त समय में ट्रक और ट्रेलर भीड़ के बीच से निकलते हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बीकानेर रोड ओवरब्रिज से भी भारी वाहन सीधे आबादी क्षेत्र में उतर जाते हैं, और सघन बाजारों से गुजरते हुए अंदरूनी सडक़ों तक पहुंचते हैं।
दावे कागज़ों पर, हालात सडक़ों पर खराब
ट्रैफिक पुलिस का दावा है कि गांधी चौक और प्रमुख मार्गों पर कर्मियों की तैनाती है, लेकिन वास्तविकता इससे कोसों दूर है। स्थानीय व्यापारी और नागरिकों का कहना है कि पुलिसकर्मी केवल रूटीन जांच या वीआईपी मूवमेंट के समय ही सक्रिय दिखते हैं, जबकि सामान्य दिनों में शहर की सडक़ों पर भारी वाहन निर्बाध प्रवेश करते रहते हैं।
स्थानीयों में भय के साथ रोष
त्यागी मार्केट के राजेश अग्रवाल का कहना है कि हर रोज ट्रक और ट्रेलर बाजार में घुसते हैं। किसी दिन बड़ा हादसा हो गया तो जिम्मेदार कौन होगा..? पुलिस को पहले से पता है, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं। इसी तरह दिल्ली दरवाजा क्षेत्र केनिवासी रमेश बताते हैं कि बच्चों और बुजुर्गों के सडक़ पार करने में सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। कई बार शिकायत की, मगर कार्रवाई करना तो दूर, ध्यान तक कोई नहीं देता है।
गांधी चौक में फंसा ट्रक
यातायात व्यवस्था की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गुरुवार सुबह करीब 10 बजकर 15 मिनट पर एक 20 चक्के का ट्रक बाजार के सघन क्षेत्र के तंग रास्तों में प्रवेश कर तो गया, लेकिन वहीं पर फंस भी गया। इसके चलते बाजार क्षेत्र में आए अन्य लोगों को अत्याधिक मुश्किल की स्थिति का सामना करना पड़ा। इसके बाद भी कार्रवाई करने के जिम्मेदार कहीं नजर नहीं आए।
प्रशासनिक जवाबदेही पर सवाल
शहरवासियों का मानना है कि ऐतिहासिक और घनी आबादी वाले शहर में भारी वाहनों के प्रवेश को लेकर ट्रैफिक पुलिस और नगर परिषद के बीच समन्वय की कमी साफ नजर आती है। जबकि स्पष्ट आदेश है कि ऐसे वाहन निर्धारित बाईपास से होकर ही गुजरें। इसके बावजूद बीकानेर रोड, गांधी चौक, और दिल्ली दरवाजा मार्गों पर दिन में भी ट्रक और ट्रेलर घूमते देखे जा सकते हैं।
इनका कहना है….
आबादी क्षेत्र के साथ सघन बाजारों में भारी वाहनों के प्रवेश होंगे तो फिर कार्रवाई भी होगी। इसी लिए वाहनों की जांच का भी अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं।
मृदुल कच्छावा, एसपी, नागौर