गुजरात में एशियाई शेरों की संख्या बढ़कर 891 हो गई है। यह संख्या वर्ष 2020 में 674 थी। इस तरह पांच वर्षों में 217 शेर बढ़े जो 32 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी है। गुजरात एशियाई शेरों का एकमात्र शरणगाह स्थल है।
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने बुधवार को गांधीनगर में एशियाई शेरों की 16वीं गणना के आंकड़ों को जारी करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि 891 शेरों में 196 नर, 330 मादा, 140 उप-वयस्क तथा 225 शावक शामिल हैं।
इस मौके पर वन एवं पर्यावरण मंत्री मुलूभाई बेरा, राज्य मंत्री मुकेश पटेल, मुख्य सचिव पंकज जोशी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव एम.के. दास, वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव संजीव कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं हेड ऑफ द फोरेस्ट फोर्स डॉ. ए.पी. सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. जयपालसिंह समेत वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
पहली बार सीसीटीवी से निगरानी
गत 10 से 13 मई के दौरान सौराष्ट्र के 11 जिलों की 58 तहसीलों के 35 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में यह गणना हुई। इन जिलों में जूनागढ़, गिर सोमनाथ, भावनगर, राजकोट, मोरबी, सुरेन्द्रनगर, देवभूमि द्वारका, जामनगर, अमरेली, पोरबंदर व बोटाद शामिल है। इस गिनती में वनकर्मी, सरपंच एवं ग्रामीण सहित 3854 लोग शामिल हुए। गणना में पहली बार सीसीटीवी निगरानी का उपयोग किया गया।
एक दशक में बढ़े 70 फीसदी
शेरों की आबादी पिछले एक दशक में 70 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है। 2015 में इनकी संख्या 523 थी जो 2025 में बढ़कर 891 तक पहुंची। वहीं पिछले एक दशक में शेरों का दायरा 59.09 फीसदी बढ़ गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भौगोलिक परिस्थिति और जलवायु की दृष्टि के साथ-साथ वन्य प्राणी संरक्षण के प्रति सरकार के सतर्क दृष्टिकोण से ही शेरों की आबादी में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है।
00000
ऐसे बढ़ती गई शेरों की आबादी, दायरा भी
शेरों की गिनती 1936 में आरंभ की गई थी। इसके बाद से पांच वर्षों में एक बार गणना की जाती है। इसके साथ ही शेरों का दायरा भी बढ़ता गया।
वर्ष शेर कुल क्षेत्र
1990 284 6,600
1995 304 10,000
2001 327 12,000
2005 359 13,000
2010 411 20,000
2015 523 22,000
2020 674 30,000
2025 891 35,000
00000
अमरेली जिले में सबसे ज्यादा शेर
जिला वार आंकड़ा देखें तो पता चलेगा कि सबसे ज्यादा 339 शेर अमरेली जिले में पाए गए। गिर सोमनाथ जिले में यह संख्या 222 रही। जूनागढ़ जिले का तीसरा स्थान रहा जहां पर 191 शेर पाए गए। भावनगर जिले में 116, पोरबंदर जिले में 16. राजकोट में 6 और देवभूमि द्वारका में एक शेर पाया गया।
जिला वार आंकड़ा
जिले शेर
अमरेली 339
गिर सोमनाथ 222
जूनागढ़ 191
भावनगर 116
पोरबंदर 16
राजकोट 06
देवभूमि द्वारका 01
000000
चार दिनों तक 358 स्थलों पर हुई गणना
शेरों की गणना चार दिनों तक चली। प्रारंभिक सर्वे 10 से 11 मई तक किया गया वहीं फाइनल गिनती 12 से 13 मई के दौरान हुई। यह गणना 358 स्थलों पर की गई। इनमें 55.78 फीसदी जंगल क्षेत्र में देखे गए वहीं 44.22 फीसदी गैर जंगल क्षेत्र में देखे गए।
000000
आंकड़ों में गणना
शेरों की संख्या 891
नर: 196 नर
मादा: 330 मादा
उप-वयस्क: 140
शावक: 225
पिछली बार से 217 शेर बढ़े (32 फीसदी)
गणना: 10 से 13 मई
जिले: 11
तहसील: 58
क्षेत्र: 35 हजार वर्ग किलोमीटर
कुल कर्मी: 3854