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फिर सुलग रहा बांग्लादेश, हसीना को मिली मौत की सजा, लीग ने आज बुलाया है बंद

Bangladesh Politics: बांग्लादेश एक बार फिर हिंसा की आग में सुलग रहा है। आज आवामी लीग ने बांग्लादेश बंद का आह्वान किया है। शेख हसीना को सजा सुनाए जाने पर क्या है भारत का रिएक्शन पढ़िए...

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Sheikh Hasina, former PM of Bangladesh

शेख हसीना, बांग्लादेश की पूर्व पीएम (फोटो-IANS)

Bangladesh News: पूर्व पीएम शेख हसीना को बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने मौत की सजा सुनाई है। इसके बाद से बांग्लादेश हिंसा की आग में जल उठा है। हिंसा में अब तक 2 व्यक्ति की मौत हुई है। दर्जनों लोग घायल हैं। सोमवार को जब शेख हसीना को सजा सुनाई जा रही थी तब छात्र आंदोलन से जुड़े लोगों ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के घर को जलाने की कोशिश की। वहीं, हसीना को सजा सुनाए जाने के बाद कुछ लोगों ने मिठाइयां बांटी। इस दौरान दो गुटों में झड़प हो गई।

कई जगह फटे बम

बांग्लादेश में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। कोटलीपारा में बम धमाके में पुलिस के तीन जवान जख्मी हो गए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठियां चलाई और आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस उपायुक्त मसूद आलम ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए कई ध्वनि ग्रेनेड इस्तेमाल किए गए।

आवामी लीग ने बुलाया बांग्लादेश बंद

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी पार्टी आवामी लीग ने बंद का आह्वान किया है। अवामी लीग ने ढाका की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) के फैसले को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। लीग के नेता जहांगीर कबीर नानक ने पार्टी के फेसबुक पेज पर एक वीडियो जारी कर कहा कि यह फैसला पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक बदला लेने वाला है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की जनता इस फैसले को कभी स्वीकार नहीं करेगी। बता दें कि युनूस सरकार ने आवामी लीग पर बैन लगा दिया है।

भारत ने जारी किया बयान

बांग्लादेश की पूर्व पीएम को सजा सुनाए जाने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है। भारत सरकार ने कहा कि हमने इस फैसले को संज्ञान में लिया है। भारत ने कहा कि वह बांग्लादेश का करीबी पड़ोसी है और बांग्लादेश के लोगों के हित, शांति, लोकतंत्र, सभी समुदायों की भागीदारी और देश में स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है। भारत, बांग्लादेश की शांति और स्थिरता को ध्यान में रखते हुए सभी पक्षों के साथ रचनात्मक तरीके से बातचीत जारी रखेगा।

हसीना ने ही की थी ICT की स्थापना

दिलचस्प बात यह है कि इंटरनेशल क्राइम ट्रिब्यूनल की स्थापना हसीना ने ही की थी। शेख हसीना ने साल 2010 में पीएम रहते हुए इस कोर्ट की स्थापना की थी। इस कोर्ट को 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान हुए वॉर क्राइम्स और नरसंहार जैसे मामलों की जांच और सजा के लिए बनाया गया था। इस ट्रिब्यूनल को बनाने के लिए 1973 में कानून बनाया गया था, लेकिन प्रक्रिया दशकों तक रूकी रही।