
नेपाल में Gen-Z के विरोध प्रदर्शन के दौरान वाहन में आग ( फाइल फोटो: ANI.)
Nepal Gen-Z Protests Curfew: भारत से सटे नेपाल के बारा जिले में हालात (Bara District Nepal Clashes) फिर बिगड़ गए। जेन जेड के युवा प्रदर्शनकारी पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी सीपीएन-यूएमएल के समर्थकों के खिलाफ सड़क पर उतर आए। सिमरा इलाके में दोनों गुटों के बीच पथराव और हाथापाई हो गई। कुछ झड़पें तो सिमरा एयरपोर्ट के आसपास भी हुईं। इससे घबराए प्रशासन ने फौरन कर्फ्यू (Nepal Gen Z Protests Curfew) लगा दिया। यह घटना सितंबर के खूनी विद्रोह के ठीक दो महीने बाद हुई है, जब ओली सरकार को उखाड़ फेंका गया था।
बारा जिला प्रशासन कार्यालय के अनुसार कानून-व्यवस्था सुधारने के लिए यह कदम उठाना जरूरी था। कर्फ्यू दोपहर 12:30 बजे से रात 8 बजे तक लागू रहेगा। पुलिस ने छह टियर गैस शेल और दो राउंड हवाई फायरिंग की। नतीजतन, छह पुलिसकर्मी और चार युवा जख्मी हो गए। बारा जिला भारत के बिहार से सटा हुआ है, इसलिए सीमा पर तनाव बढ़ गया है। बुद्धा एयरलाइंस ने काठमांडू-सिमरा उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, जिसमें UML नेता भी लौट आए।
गौरतलब है कि सितंबर 8-9 को जेन जेड के बड़े प्रदर्शनों में 76 लोग मारे गए थे। ये आंदोलन सोशल मीडिया पर लगे अस्थायी बैन से भड़क उठा, लेकिन असल में बरसों की आर्थिक मंदी और भ्रष्टाचार की जड़ें इसका मुख्य कारण थीं। 30 मिलियन की आबादी वाले नेपाल में गुस्सा इतना था कि संसद, अदालतें और सरकारी दफ्तर आग के हवाले हो गए। चार बार पीएम रहे 73 साल के ओली को सत्ता से हटा दिया गया। अब 73 साल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की अंतरिम पीएम हैं, जो मार्च 2026 के चुनाव करवाएंगी।
प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने देर रात बयान जारी कर शांति की अपील की। उन्होंने सभी पार्टियों से "राजनीतिक उकसावे से दूर रहने" के लिए कहा। गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए गए कि संयम बरतें। कार्की ने 110 से ज्यादा दलों के नेताओं से बैठक की और बोलीं, "देश को नई पीढ़ी के हाथों सौंपना है, दूरदर्शी लोग चलाएंगे।" उनका फोकस निष्पक्ष चुनाव और नेताओं की सुरक्षित आवाजाही पर है। पुलिस प्रवक्ता अबी नारायण काफले के अनुसार, "स्थिति काबू में है, कोई गंभीर चोट नहीं है।"
नेपाल में सीपीएन-यूएमएल संसद के बहाल करने की मांग कर रही है, जो सितंबर 12 को भंग हुई थी। जेन जेड कार्यकर्ता सरकार से सितंबर 9 की कथित हत्याओं पर कार्रवाई करवाना चाहते हैं। उधर बुधवार को UML महासचिव शंकर पोखरेल और युवा नेता महेश बसनेत सिमरा आने वाले थे, लेकिन युवाओं ने उनका विरोध किया। पुलिस ने दो UML वॉर्ड चेयरमैन – धन बहादुर श्रेष्ठा और कैमोद्दीन अंसारी को हमले के आरोप में गिरफ्तार किया। जेन जेड लीडर सम्राट उपाध्याय ने कहा, "हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, UML ने हमला किया – सात लोग घायल हुए।"
युवा ट्विटर पर चिल्ला रहे हैं: "ओली के गुंडों को सजा दो!" UML समर्थक: "यह तो साजिश है, संसद वापस लाओ!" #NepalGenZClash ट्रेंडिंग, जहां लोग चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे। कई लोगों ने कहा, "कर्फ्यू से डर लगता है, लेकिन बदलाव जरूरी है।"
कर्फ्यू कब हटेगा ? UML की रैलियां रुकेंगी? मार्च 2026 चुनाव में हिंसा का डर। जेन जेड की अगली रणनीति पर नजर है। अगर तनाव बढ़ा तो पूरे नेपाल में फैल सकता है।
बारा भारत से सटा हुआ है, इसलिए हिंसा से बिहार में घुसपैठ का खतरा है। नेपाल की अस्थिरता भारत के लिए सिरदर्द है और आशंका है कि कहीं रोहिंग्या जैसी समस्या पैदा न हो जाए।
Updated on:
20 Nov 2025 06:35 pm
Published on:
20 Nov 2025 06:12 pm
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