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Mahadeva Corridor: महादेवा नगरी में बुलडोजर की गूंज – आस्था के कॉरिडोर का रास्ता अब हुआ साफ़, जाने कैसे

Mahadeva Corridor Bulldozer Action श्री लोधेश्वर महादेवा तीर्थनगरी में प्रस्तावित महादेवा कॉरिडोर निर्माण ने रफ्तार पकड़ ली है। सिविल कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने लगातार दूसरे दिन भी बुलडोजर कार्रवाई जारी रखी। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अवैध निर्माणों को गिराया गया और मलबा हटाने का काम देर रात तक चलता रहा।

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महादेवा कॉरिडोर निर्माण में तेजी: दूसरे दिन भी चला बुलडोज़र, भारी सुरक्षा के बीच हटाया गया मलबा (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

महादेवा कॉरिडोर निर्माण में तेजी: दूसरे दिन भी चला बुलडोज़र, भारी सुरक्षा के बीच हटाया गया मलबा (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

Bulldozers Roll Again in Mahadeva Corridor: श्री लोधेश्वर महादेवा तीर्थनगरी में प्रस्तावित महादेवा कॉरिडोर निर्माण कार्य ने अब गति पकड़ ली है। लंबे समय से अटके इस प्रोजेक्ट के लिए प्रशासन ने आखिरकार सख्ती दिखाते हुए लगातार दूसरे दिन भी अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलवाया। रविवार को पोकलैंड और जेसीबी मशीनों की गड़गड़ाहट के बीच प्रशासन की ओर से ध्वस्तीकरण अभियान जारी रहा, जबकि मौके पर भारी पुलिस बल और प्रशासनिक अमला पूरी सतर्कता के साथ मौजूद रहा।

दो साल बाद टूटी बाधा, शुरू हुई सख्त कार्रवाई

जानकारी के अनुसार यह मामला पिछले दो वर्षों से अदालत में लंबित था। शनिवार को सिविल कोर्ट से आदेश मिलने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की। आदेश के तहत अवैध रूप से बने रियाज कॉम्प्लेक्स सहित कुल 15 दुकानों को ध्वस्त किया गया। यह सभी निर्माण महादेवा कॉरिडोर के प्रस्तावित मार्ग में बाधा उत्पन्न कर रहे थे। शनिवार को शुरू हुई कार्रवाई रविवार को भी पूरे दिन चली। पोकलैंड और जेसीबी मशीनें लगातार मकानों को तोड़ने में जुटी रहीं। मकान और दुकानों के टूटने से पहले प्रभावित लोगों ने अपना सामान सड़क किनारे रख लिया था। वहीं, प्रशासन की ओर से डंपरों की मदद से मलबा हटाने का कार्य लगातार किया गया। पूरे क्षेत्र में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यह कार्यवाही शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुई।

सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम, पुलिस बल ने संभाली कमान

महादेवा जैसे धार्मिक और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में इस बड़े पैमाने पर ध्वस्तीकरण कार्य के दौरान किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। मौके पर एसडीएम गुजिता अग्रवाल, तहसीलदार विपुल सिंह, सीओ गरिमा पंत, नायब तहसीलदार विजय प्रकाश तिवारी, कोतवाल बदोसराय आशीष कुमार विद्यार्थी, चौकी प्रभारी अभिनंद पांडेय समेत राजस्व विभाग और पुलिस विभाग के दर्जनों अधिकारी तैनात रहे। पूरे इलाके में पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई थी ताकि कोई असामाजिक तत्व माहौल न बिगाड़ सके। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, अभियान के दौरान किसी प्रकार की बड़ी गड़बड़ी नहीं हुई और कार्रवाई पूरी तरह नियंत्रित माहौल में संपन्न हुई।

स्थानीय लोगों में मिला-जुला माहौल

जहाँ प्रशासनिक अधिकारी इस कार्रवाई को “महादेवा कॉरिडोर निर्माण की दिशा में एक आवश्यक कदम” बता रहे हैं, वहीं कुछ स्थानीय लोग इसे लेकर भावनात्मक रूप से विचलित भी दिखे। कई लोगों का कहना था कि वर्षों से वे इसी इलाके में अपनी आजीविका चला रहे थे, लेकिन अब उन्हें नया ठिकाना खोजना होगा। वहीं, अन्य नागरिकों ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि “महादेवा कॉरिडोर बनने से क्षेत्र की सुंदरता और धार्मिक महत्व में चार चांद लगेंगे। आने वाले श्रद्धालुओं को भी सुगमता होगी।

महादेवा कॉरिडोर का स्वरूप और महत्व

महादेवा कॉरिडोर निर्माण का उद्देश्य न केवल तीर्थनगरी की धार्मिक पहचान को सुदृढ़ करना है, बल्कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना भी है। प्रस्तावित कॉरिडोर के तहत मंदिर क्षेत्र से जुड़ने वाली सड़क का चौड़ीकरण, पार्किंग व्यवस्था, श्रद्धालु सुविधाएं और सौंदर्यीकरण कार्य किए जाएंगे। प्रशासन के अनुसार, कॉरिडोर बनने के बाद यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।

मलबा हटाने का कार्य जारी, जल्द दिखेगा नया रूप

रविवार देर शाम तक मलबा हटाने का कार्य जारी रहा। डंपर लगातार मलबा भरकर तीर्थ क्षेत्र के बाहर पहुंचा रहे थे। प्रशासन का कहना है कि अगले कुछ दिनों में पूरा इलाका खाली कराकर कॉरिडोर निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। यह कार्रवाई परियोजना की गति को बढ़ाने के लिए जरूरी थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “महादेवा कॉरिडोर परियोजना लंबे समय से रुकी हुई थी। अब जब कानूनी बाधाएं समाप्त हो गई हैं, तो हम चाहेंगे कि काम समय से पूरा हो। इससे न सिर्फ श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी बल्कि इस ऐतिहासिक स्थल की पहचान भी और व्यापक होगी।

अधिकारियों की सक्रियता, प्रशासन की प्राथमिकता

पूरे अभियान के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर रहकर निगरानी की। ध्वस्तीकरण के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति न हो, इसके लिए हर गतिविधि की मॉनिटरिंग की गई। प्रशासन ने कहा कि प्रभावित लोगों को उचित सहायता दी जाएगी और उन्हें समय रहते नोटिस भी जारी किया गया था।