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Railway: चलती ट्रेन में उठा धुआं… बच्चों को उठाए भागे यात्री, समय रहते टला बड़ा हादसा

Intercity Express Train: बाराबंकी में गोरखपुर–लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस उस वक्त अफरातफरी का केंद्र बन गई, जब चलती ट्रेन की एक बोगी से अचानक धुआं उठने लगा। घबराए यात्रियों ने तुरंत चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोका। तकनीकी टीम की तत्परता से बड़ा हादसा टल गया और सभी यात्री सुरक्षित बच गए।

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गोरखपुर–लखनऊ इंटरसिटी में अचानक उठा धुआं: यात्रियों में मची अफरातफरी (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

गोरखपुर–लखनऊ इंटरसिटी में अचानक उठा धुआं: यात्रियों में मची अफरातफरी (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

Railway Update: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में गोरखपुर–लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस में गुरुवार को उस समय अफरातफरी मच गई, जब ट्रेन के एक डिब्बे से अचानक धुआं उठने लगा। बुढ़वल स्टेशन से कुछ ही दूरी पहले रामनगर-फतेहपुर मार्ग पर बने ओवरब्रिज के नज़दीक यह घटना हुई। जैसे ही यात्रियों की नज़र धुआं उठती बोगी पर पड़ी, लोग घबराकर तुरंत चेन खींचकर ट्रेन रोकने लगे। पल भर में ट्रेन थम गई और यात्री जल्दी-जल्दी नीचे उतरकर सुरक्षित स्थान की ओर भागने लगे। गनीमत यह रही कि यात्रियों की सूझबूझ और रेलवे कर्मचारियों की तत्परता से बड़ा हादसा टल गया।

धुआं देखते ही खड़ी हो गई ट्रेन, यात्रियों में दहशत का माहौल

जानकारी के मुताबिक, ट्रेन गोरखपुर से लखनऊ की ओर जा रही थी और सुबह के समय बुढ़वल स्टेशन के करीब पहुंच रही थी। उसी दौरान एक बोगी में बैठे यात्रियों ने अचानक बदबूदार धुआँ महसूस किया। शुरुआत में तो यात्रियों को लगा कि शायद ब्रेक लगने के दौरान सामान्य धुआँ होगा, लेकिन जब धुआँ बढ़ने लगा तो घबराहट फैल गई। कुछ यात्रियों ने आवाज लगाई—“ धुआं … धुआं … नीचे उतरिए!” देखते ही देखते बोगी में चीख-पुकार मच गई। किसी ने तुरंत चेन खींची, तो किसी ने अपने बच्चों को थाम कर बाहर की ओर दौड़ लगा दी। इस दौरान कई यात्री बिना चप्पल पहने, बिना सामान लिए ही बाहर निकल गए। तेज ब्रेक लगने से ट्रेन पुल के पास ही रुक गई।

चालक व गार्ड मौके पर पहुंचे, तकनीकी टीम ने दोष ढूँढा

जैसे ही ट्रेन रुकी, लोको पायलट और गार्ड तुरंत प्रभावित बोगी की ओर पहुंचे। उन्होंने यात्रियों को शांत रहने और सुरक्षित दूरी पर खड़े रहने की अपील की। प्रारंभिक जांच में पता चला कि ट्रेन के एक कोच में लगे ब्रेक शू पहियों में चिपक गए थे, जिसके कारण रगड़ बढ़ने से धुआं उत्पन्न हुआ। यह तकनीकी खराबी अधिक देर तक जारी रहती तो पहियों में अत्यधिक गर्मी के चलते आग लगने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता था। सूचना मिलते ही बुढ़वल स्टेशन से रेलवे की तकनीकी टीम मौके पर पहुँच गई। कर्मचारियों ने तत्परता दिखाते हुए ब्रेक सिस्टम की जांच की और कुछ ही मिनटों में खराबी को ठीक कर लिया। इसके बाद ट्रेन को आगे की यात्रा के लिए सुरक्षित घोषित कर दिया गया।

यात्रियों में दहशत, कुछ ने बोला-“हादसे की आशंका से मन कांप गया”

घटना के दौरान मौजूद कई यात्रियों ने बताया कि जैसे ही धुआँ देखा, उन्हें बीते समय में हुई ट्रेन दुर्घटनाओं की याद आ गई। बाराबंकी निवासी एक यात्री ने कहा कि हमने जैसे ही धुआँ उठते देखा, बच्चों को लेकर तुरंत नीचे कूद आए। उस समय मन में लगा कि शायद आग लग जाए। रेलवे स्टाफ ने समय रहते संभाल लिया, नहीं तो कुछ भी हो सकता था।  एक अन्य यात्री ने बताया कि धुआँ इतना तेज था कि कुछ लोग बोगी में घुसने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे थे। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर घटना के वीडियो साझा किए हैं, जिसमें लोग ट्रेन के बाहर खड़े दिख रहे हैं और तकनीकी टीम बोगी की जांच कर रही है।

रेलवे ने कहा-स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में, किसी यात्री को चोट नहीं

घटना की जानकारी पाकर तुरंत जीआरपी और आरपीएफ भी मौके पर पहुँच गए। जीआरपी प्रभारी जयंत दुबे ने बताया कि घटना में किसी भी यात्री को चोट नहीं आई है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह तकनीकी खराबी थी, जिसे तुरंत ठीक कर लिया गया। ट्रेन को कुछ समय बाद सुरक्षित रवाना कर दिया गया। कोई ट्रेन निलंबित नहीं की गई है। रेलवे अधिकारियों ने आगे जोड़ते हुए कहा कि इंटरसिटी एक्सप्रेस की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी जांच पूरी कर ली गई है। उन्होंने यात्रियों से अपील की कि रेलवे की तकनीकी टीमों पर भरोसा रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें।

समय रहते ट्रेन रुकना बनी बड़ी राहत

रेलवे विशेषज्ञों के अनुसार यदि ब्रेक शू पहियों में चिपक जाएं और ट्रेन की गति बनी रहे, तो पहियों में अत्यधिक ताप उत्पन्न हो सकता है। कई मामलों में ऐसे कारणों से आग लगने या ब्रेक फेल होने जैसी घटनाएं दर्ज की गई हैं। एक वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी ने बताया कि इस घटना में यात्रियों की सजगता और चेन पुलिंग सबसे अहम रही। यदि धुआँ देखकर ट्रेन न रोकी जाती तो पहिया अधिक गर्म होकर नुकसान पहुंचा सकता था। 

धुआं निकलने की वजह

ट्रेन ब्रेकिंग सिस्टम की सामान्य तकनीकी दिक्कत विशेषज्ञों के अनुसार ब्रेक शू का चिपक जाना रेलवे में एक सामान्य तकनीकी समस्या है, लेकिन यदि यह चलती ट्रेन में हो जाए और समय पर पता न चले तो जोखिम ज़रूर बढ़ जाता है।

  • ब्रेक शू चिपकने के प्रमुख कारण
  • ब्रेक पैड का अधिक घिस जाना
  • ब्रेक दबाव का असंतुलन
  • गर्मी या नमी के कारण रगड़ बढ़ना
  • पुराने कोच में तकनीकी कमजोरी

इंटरसिटी जैसी सुपरफास्ट ट्रेनों में नियमित तकनीकी जांच के बावजूद कभी-कभी यह समस्या आ सकती है।

घटना के बाद रेलवे ने जारी किए दिशा-निर्देश

घटना के बाद रेलवे ने बुढ़वल स्टेशन से लेकर आसपास के सेक्शनों के सभी कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया है। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि इंटरसिटी जैसी प्रमुख ट्रेनों की ब्रेकिंग जांच स्टेशनों पर सख्ती से हो,कोच इंस्पेक्शन टीम अपनी रिपोर्ट समय पर दे। यात्रियों की शिकायतें तुरंत निपटाई जाए। किसी भी तकनीकी संकेत को नजरअंदाज न किया जाए। रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि यांत्रिक टीमों की संख्या बढ़ाई जा रही है, ताकि ऐसी स्थितियाँ न उत्पन्न हों।

बच गया बड़ा हादसा, पर सवाल भी खड़े हुए

हालांकि यह राहत की बात है कि कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यात्रियों ने सुरक्षा को लेकर कई सवाल भी उठाए हैं। कुछ यात्रियों ने कहा कि ट्रेन की नियमित तकनीकी जांच में यदि यह खराबी पहले पकड़ ली जाती, तो ऐसी स्थिति नहीं बनती। इस घटना ने रेलवे की तकनीकी निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था पर फिर से ध्यान केंद्रित किया है।

घटनास्थल पर सामान्य स्थिति लौटते ही ट्रेन आगे रवाना

तकनीकी टीम के सुधार कार्य और अधिकारियों के निरीक्षण के बाद इंटरसिटी एक्सप्रेस को पुनः रवाना कर दिया गया। यात्रियों को आश्वस्त किया गया कि आगे की यात्रा पूरी तरह सुरक्षित है और ट्रेन की सभी बोगियों की जांच की जा चुकी है। घटना के बाद ट्रेन कुछ देर विलंबित हुई, लेकिन रेलवे ने तुरंत उसकी गति और सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए उसे लखनऊ की ओर भेज दिया।