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पौने दो लाख बोरी और कट्टों से एक दिन में मंडी ‘हाउसफुल’

मंडी में इन दिनों धान व मक्का समेत विभिन्न जिन्सों की आवक बढ़ गई है। ऐसे में अब रात के समय कॉलेज रोड, अस्पताल रोड पर जाम के हालात बनने लगे हैं। सोमवार को मंडी में विभिन्न ङ्क्षजसों की करीब पौने दो लाख बोरियों और कट्टों की आवक हुई।

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बारां

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Mukesh Gaur

Nov 17, 2025

मंडी में इन दिनों धान व मक्का समेत विभिन्न जिन्सों की आवक बढ़ गई है। ऐसे में अब रात के समय कॉलेज रोड, अस्पताल रोड पर जाम के हालात बनने लगे हैं। सोमवार को मंडी में विभिन्न ङ्क्षजसों की करीब पौने दो लाख बोरियों और कट्टों की आवक हुई।

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देर रात तक रही ट्रैक्टर ट्रॉलियों की कतार

बारां. मंडी में इन दिनों धान व मक्का समेत विभिन्न जिन्सों की आवक बढ़ गई है। ऐसे में अब रात के समय कॉलेज रोड, अस्पताल रोड पर जाम के हालात बनने लगे हैं। सोमवार को मंडी में विभिन्न ङ्क्षजसों की करीब पौने दो लाख बोरियों और कट्टों की आवक हुई।

रविवार रात को मंडी में पहुंची ट्रैक्टर ट्रॉलियों का लम्बा जाम लग गया। हालात यह थे कि कृषि उपज मंडी के पिछले एन्ट्री गेट से लेकर मेलखेड़ी तिराहा, कॉलेज रोड, अस्पताल मार्ग से धर्मादा चौराहे तक ट्रैक्टर ट्रॉलियों की कतार लग गई। कॉलेज तिराहे से लेकर मंडी तक तो दो-दो कतारें लगी नजर आई। कृषि मंडी सचिव हरीमोहन बैरवा ने बताया कि मंडी में रविवार रात को अधिक माल तो डम्प नही था। लेकिन एन्ट्री रात को दस बजे कर दी गई है। उन्होंने बताया कि यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया था। लेकिन रविवार रात को कोई यातायात कर्मी मौके पर मौजूद नहीं था। कृषि उपज मंडी में सोमवार को धान व मक्का की बंपर आवक हुई, करीब 80 हजार बोरी धान, 70 हजार कट्टे मक्का, 10 हजार कट्टे सोयाबीन एवं 2000 कट्टे सरसों समेत अन्य ङ्क्षजसों की आवक हुई। मंडी में सोमवार को धान 1600 रूपए से लेकर 3200 रूपए प्रति ​क्विंटल तक के भाव से बेची गई। वहीं मक्का की 1300 से लेकर 1950 रुपए प्रति ​क्विंटल तक बिकवाली हुई। हालांकि इस वर्ष जिले में धान का रकबा लक्ष्य से आधा ही रह गया। करीब 35 हजार हेक्टेयर में ही धान की बुवाई हुई थी। इस दौरान लगातार हुई बरसात के चलते धान की बुवाई लक्ष्य के अनुरूप नहीं हो पाई। वही मक्का अतिवृष्टि से खराबे के कारण करीब 70 फीसदी खत्म हो चुकी थी, इस वर्ष करीब 82 हजार हेक्टेयर में मक्का की बुवाई की गई थी।