
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर
छतरपुर. महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (एमसीबीयू) में हिंदी विषय पर चार साल पहले शुरू हुए शोध कार्यक्रम ने अब नए मुकाम को छू लिया है। विश्वविद्यालय में हिंदी विषय के शोधार्थियों की संख्या अब 130 तक पहुंच गई है, जिनमें से 19 शोधार्थी मप्र लोक सेवा आयोग परीक्षा पास कर साक्षात्कार दे चुके हैं, जबकि चार शोधार्थियों का चयन सहायक प्राध्यापक के पद पर हो चुका है।
विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग ने सत्र 2022-23 में हिंदी विषय में शोधकार्य शुरू किया। पहले सत्र में 36, दूसरे में 34, तीसरे में 32 और इस सत्र में 28 शोधार्थियों ने विश्वविद्यालय में अपना रजिस्ट्रेशन कराया। अब तक कुल चार शोधार्थियों ने अपना शोध पूरा कर लिया है और शेष शोध आगामी दिनों में पूर्ण होंगे। हिंदी विभाग के अनुभवी प्रोफेसरों ने शोधार्थियों का मार्गदर्शन किया। इसमें आठ शोधार्थियों को डॉ. बहादुर सिंह परमार, आठ को डॉ. पुष्पा दुबे, आठ को डॉ. गायत्री वाजपेयी और छह को डॉ. केएल पटेल गाइड कर रहे हैं। शेष शोधार्थियों का मार्गदर्शन विश्वविद्यालय के यूटीडी के अंतर्गत आने वाले 198 कॉलेजों में पदस्थ हिंदी विषय के प्रोफेसर कर रहे हैं। ये शोधार्थी अपने शोध पत्रों को विश्वविद्यालय में प्रस्तुत करेंगे और अन्य संबंधित कार्य भी विश्वविद्यालय में संपन्न होंगे।
हिंदी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर एन.के. पटेल ने बताया कि मई 2025 में एमसीबीयू में हिंदी विषय के शोध कर रहे 12 शोधार्थियों को मप्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा के माध्यम से सहायक प्राध्यापक के पद पर साक्षात्कार के लिए चयनित किया गया। इनमें रविकांत पटेल, स्नेहा जैन, आरती देवी ठाकुर, पुष्पा देवी पटेल, वंदना अहिरवार, देवराज पाल, कल्लू पटेल, लेखनी सुमन, नीलेश प्रजापति, विकास मेश्राम, रामशरण पटेल और अरमान अहमद शामिल है। इनमें से चार शोधार्थियों पुष्पा देवी पटेल, वंदना अहिरवार, वैशाली रजक और अरमान अहमद का चयन सहायक प्राध्यापक के पद पर हो चुका है।
पुष्पा देवी पटेल नंदलालपुरा की रहने वाली हैं। उनके पिता हीरालाल पटेल का निधन हो चुका है। इसके बावजूद पुष्पा ने कड़ी मेहनत और लगन से मप्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर सहायक प्राध्यापक का पद हासिल किया। वहीं गढ़ीमलहरा क्षेत्र के पड़वाहा गांव की वंदना अहिरवार ने 2019 में एनइटी क्वालीफाई किया था और अक्टूबर 2024 में उच्च माध्यमिक शिक्षक हिंदी के पद पर चयनित हुई। वर्तमान में वह हायर सेकंडरी स्कूल खजुराहो में कार्यरत हैं। अब उनका चयन सहायक प्राध्यापक के पद पर हो चुका है।
हिंदी विषय में शोधार्थियों की संख्या हर वर्ष बढ़ रही है। विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग ने शोधकार्य को व्यवस्थित रूप से संचालित किया है, जिससे शोधार्थियों को न केवल अकादमिक ज्ञान का लाभ मिला है, बल्कि सरकारी नौकरी और सहायक प्राध्यापक के पद पर चयन जैसे अवसर भी प्राप्त हुए हैं। हिंदी विभाग ने आने वाले समय में शोधार्थियों की संख्या बढ़ाने और उन्हें विभिन्न शैक्षणिक व अकादमिक परियोजनाओं में शामिल करने की योजना बनाई है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य है कि शोधार्थियों का कार्य न केवल अकादमिक क्षेत्र में बल्कि सरकारी और शिक्षण पेशे में भी उपयोगी साबित हो।
हमारे बच्चों में टैलेंट भरपूर है, बस उन्हें दिशा देने की जरूरत है। विश्वविद्यालय में अकादमिक गतिविधियों को उन्नत तरीके से छात्रों से कनेक्ट किया गया है। उच्च स्तरीय प्रशिक्षण, मार्गदर्शन देने का प्रयास जारी है।
प्रोफेसर शुभा तिवारी, कुलगुरु
Published on:
07 Oct 2025 10:51 am
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