
फाइल फोटो पत्रिका
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को जयपुर में अतिक्रमण व जोधपुर में सफाई व्यवस्था की खामियों को लेकर नाराजगी जाहिर की। जयपुर में शहर में अतिक्रमण की स्थिति पर प्रशासन का पक्ष रखने के लिए नगर निगम आयुक्त गौरव सैनी व आवासन मंडल अधिकारी पेश हुए। इस दौरान कोर्ट ने सख्त संदेश देते हुए मौखिक टिप्पणी की कि अतिक्रमण की समस्या का स्थाई रूप से समाधान किया जाना चाहिए।
इस मामले में 9 दिसंबर को जयपुर नगर निगम के प्रवर्तन अधिकारी को तलब किया है, वहीं जोधपुर में बिगड़ी सफाई व्यवस्था को लेकर शुक्रवार को स्थानीय निगम आयुक्त को बुलाया गया है। जयपुर में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा और न्यायाधीश बी.एस. संधू की खंडपीठ ने स्वप्रेरणा से दर्ज जनहित याचिका सहित अन्य याचिकाओं पर संयुक्त सुनवाई की।
राजस्थान आवासन मंडल की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता जी.एस. गिल ने कोर्ट को बताया कि मंडल कॉलोनियों को विकसित कर उन्हें रखरखाव के लिए नगर निगम को हस्तांतरित कर देता है। वहीं जयपुर नगर निगम की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता मनोज शर्मा ने बताया कि शहर में अस्थायी थड़ी-ठेला व फुटकर व्यवसायियों के लिए वेंडिंग जोन घोषित है।
इधर, राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर की सफाई व्यवस्था की बदहाली को लेकर विचाराधीन जनहित याचिका पर सुनवाई टालते हुए शुक्रवार को नगर निगम आयुक्त को मौजूद रहने के निर्देश दिए। न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर व न्यायाधीश बिपिन गुप्ता की खंडपीठ ने महेश गहलोत की जनहित याचिका पर सुनवाई की।
याचिका में मूल रूप से लालसागर क्षेत्र स्थित अनासागर बांध की सरकारी भूमि से मलबा व कचरा हटाने की मांग की गई थी। सुनवाई के दौरान निगम की ओर से कहा गया कि अनुपालन रिपोर्ट पेश की जा रही है। इस पर खंडपीठ ने कुछ बिंदुओं पर जवाब के लिए शुक्रवार को निगम आयुक्त को तलब किया।
Published on:
14 Nov 2025 07:08 am
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