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प्रजनन दर चिंताजनक फिर भी बेपरवाही: नसबंदी ऑपरेशन के 8022 के लक्ष्य में 1400 ऑपरेशन

परिवार नियोजन के तहत होने वाले ऑपरेशन में पीछे कटनी, कम कैंप लगने से लक्ष्य नहीं हो पाता पूरा, पुरुष नसबंदी में हो रही औपचारिकता, पुरुष नसबंदी में भारी उदासीनता, स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

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कटनी

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Balmeek Pandey

Nov 25, 2025

Woman-Operation

प्रतीकात्मक तस्वीर -पत्रिका

कटनी. जिले में बढ़ती प्रजनन दर स्वास्थ्य विभाग के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है। सामान्य प्रजनन दर 2.1 के मुकाबले कटनी की दर 3.1 से भी ऊपर पहुंच चुकी है, इसके बावजूद विभाग परिवार नियोजन कार्यक्रमों में सुस्ती बरत रहा है। अप्रैल से अब तक जिले में मात्र 1400 नसबंदी ऑपरेशन हुए हैं, जबकि लक्ष्य 8022 का है, लक्ष्य से कई गुना पीछे चल रहे जिले में न तो जागरूकता कार्यक्रम असरकारक हैं और न ही नसबंदी शिविर नियमित रूप से लगाए जा रहे हैं।
पुरुष नसबंदी की स्थिति और भी चिंताजनक है। 315 का लक्ष्य होने के बावजूद अभी तक एक दर्जन भी पुरुष नसबंदी नहीं हो सकी है। स्वास्थ्य विभाग की यह लापरवाही जिले की बढ़ती प्रजनन दर को और विकराल बना रही है। प्रदेश के 13 जिलों में कटनी भी शामिल है, जहां प्रजनन दर सबसे अधिक है और मिशन परिवार विकास योजना लागू होने के बावजूद इसके प्रभाव नजर नहीं आ रहे। परिवार नियोजन कार्यक्रमों में लक्ष्य पूर्ति की धीमी रफ्तार, कम शिविर, जागरूकता की कमी और पुरुष नसबंदी में औपचारिकता ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जल्द सुधार नहीं किया गया तो जिले में जनसंख्या नियंत्रण की स्थिति बिगड़ सकती है।

यह है ऑपरेशन की स्थिति
वर्ष लक्ष्य पुरुष ऑपरेशन
2021-22 7500 315 6750
2020-21 7500 315 6662
20223-23 7874 315 6467
2023-24 7874 315 6884
2024-25 7874 315 6551
2025-26 8022 315 1400

15 लाख के पार जनसंख्या

जिले में जनसंख्या 15 लाख के पार हो गई है। वर्ष 2011 की सेंसेस रिपोर्ट के अनुसार जिले की आबादी 12 लाख 92 हजार 42 थी। इसमें पुरुषों की संख्या 6 लाख 62 हजार 13 व महिलाओं की संख्या 6 लाख 30 हजार 29 थी। जनसंख्या ग्रोथ 21.41 प्रतिशत रहा। प्रदेश की कुल जन संख्या में 1.78 प्रतिशत संख्या जिले की शामिल थी। वहीं लिंगानुपात 952 रहा है। जो बढकऱ 15 लाख 49 हजार 338 हो गई है, जिसमें पुरुषों की संख्या 7 लाख 88 हजार 205 व महिलाओं की संख्या 7 लाख 61 हजार 133 है, थर्ड जेंडर 29 हैं। जेंडर रेशो 955.59 है। इन सबके बीच जिले में प्रति दंपत्ति प्रजनन दर सामान्य 2.1 से बढकऱ 3.1 के ऊपर है, जिसे कम किया जाना है।

ये बने हैं अभियान

  • नसबंदी ऑपरेशन
  • पोस्ट सिस्टम
  • अंतरा इंजेक्शन
  • छाया टैबलेट वितरण
  • पीपीआईयूसीडी कॉपर टी
  • पोस्ट एबॉर्सन पीपीआईयूसीडी
  • आईयूसीडी
  • जागरुकता

बढ़ाई गई प्रोत्साहन राशि

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार नए प्रावधानों के तहत महिला नसबंदी के लाभार्थी को 2000, पुरुष नसबंदी पर 3 हजार की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। प्रेरित करने वाले महिला नसबंदी पर 300 रुपए तथा पुरुष नसबंदी प्रोत्साहन के रूप में 400 रुपए दिए जा रहे हैं, इसके अलावा चिकित्सक के साथ शिविर आयोजन के लिए 600 रुपए प्रति हितग्राही राशि मिल रही है, इसके बाद भी अधिकारी-कर्मचारी रुचि नहीं दिखा रहे।

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सोमवार को हुए 29 ऑपरेशन

सोमवार को जिला अस्पताल में 29 महिलाओं के ऑपरेशन हुए। परिसर की 150 बिस्तर वाली बिल्डिंग में तीसरे माले पर ऑपरेशन की व्यवस्था की गई है। यहां पर कन्हवारा सेक्टर की 12 व कटनी ब्लॉक की 17 महिलाओं के ऑपरेशन किए गए। यहां पर महिलाओं के लिए इंतजाम नाकाफी थे। बैड में बैडशीट तक नहीं थीं। वहीं इतने ऊपर से ऑपरेशन कराने के बाद महिलाओं को घर ले जाने में काफी परेशानी हुई।

लापरवाही! टीटी ऑपरेशन के बाद भी महिला बनी तीसरे बच्चे की मां

विजयराघवगढ़ क्षेत्र के ग्राम इटौरा निवासी दीपक साहू ने तीन वर्ष पहले पत्नी का बरही में आयोजित टीटी ऑपरेशन शिविर में नसबंदी ऑपरेशन करवाया था। दो बच्चों के बाद परिवार को सीमित रखने के उद्देश्य से कराया गया यह ऑपरेशन उनके विश्वास और भविष्य की योजना का आधार था। लेकिन दीपक का यह भरोसा स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते पूरी तरह टूट गया। तीन वर्ष बाद दीपक की पत्नी ने जिला अस्पताल में एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। तीसरे बच्चे का जन्म होने से परिवार में खुशी तो है, लेकिन दीपक के अनुसार आर्थिक दबाव और भविष्य की जिम्मेदारियां अचानक बढ़ गई हैं। उनका कहना है कि यदि ऑपरेशन सही तरीके से किया गया होता, तो उन्हें यह स्थिति नहीं झेलनी पड़ती। पीडि़त ने विभागीय लापरवाही का आरोप लगाते हुए 181 पर शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार से मांग की है कि संबंधित डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाए और बच्चे के लालन-पालन के लिए उचित मुआवज़ा दिया जाए। दीपक का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की यह लापरवाही हम दो, हमारे दो जैसे सरकारी संदेशों को कमजोर करती है और आम जनता का भरोसा भी हिलाती है।

वर्जन
तय लक्ष्य के अनुसार कैंप लग रहे हैं। परिवार नियोजन के तहत ऑपरेशन कराए जा रहे हैं। लक्ष्य पूरा करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
डॉ. राज सिंह, सीएमएचओ।