Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

GST Scam: 600 करोड़ जीएसटी घोटाले पर यूपी में बनी SIT, 45 जिलों के 147 मामलों की होगी उच्चस्तरीय जांच

600 Crore Scam: उत्तर प्रदेश में 600 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी का बड़ा मामला सामने आने के बाद शासन ने राज्य स्तरीय एसआईटी गठित कर जांच तेज कर दी है। पांच आईपीएस अधिकारियों की यह टीम अब प्रदेश के 45 जिलों में दर्ज 147 मामलों की निगरानी कर फर्जी फर्मों के व्यापक नेटवर्क का खुलासा करेगी।

3 min read
Google source verification
पांच IPS अफसरों की टीम को मिली जांच की कमान (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group )

पांच IPS अफसरों की टीम को मिली जांच की कमान (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group )

GST Fraud: उत्तर प्रदेश में जीएसटी चोरी के अब तक के सबसे बड़े मामलों में से एक की जांच तेज हो गई है। मुरादाबाद में उजागर हुए 600 करोड़ रुपये से अधिक के टैक्स घोटाले ने पूरे राज्य की कानून-व्यवस्था और कर प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। इन मामलों की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी ने प्रदेश स्तर पर एक उच्च स्तरीय एसआईटी का गठन किया है, जो पूरे मामले की निगरानी करेगी। इस एसआईटी की कमान आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के आईजी सुनील मेनुएल को सौंपी गई है। एसआईटी में कुल पांच आईपीएस अधिकारियों को शामिल किया गया है जो प्रदेश के 45 जिलों में दर्ज जीएसटी चोरी के 147 मामलों की एक-एक परत खोलने का काम करेंगे।

ऑनलाइन मीटिंग में सभी जिलों को दिए सख्त निर्देश

शनिवार को प्रदेशस्तरीय एसआईटी ने 45 जिलों में गठित स्थानीय एसआईटी टीमों के साथ एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन बैठक की। करीब ढाई घंटे चली इस बैठक में जिला स्तर पर चल रही जांच की स्थिति पर चर्चा की गई। मुख्यालय की एसआईटी ने सभी जिलों से कहा कि वे एक सप्ताह के भीतर केसों से संबंधित सभी दस्तावेज जुटाकर लखनऊ भेजें, ताकि आगे की रणनीति तय की जा सके। साथ ही स्पष्ट निर्देश दिया गया कि किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी, हिरासत में पूछताछ या चार्जशीट दाखिल करने से पहले राज्य स्तरीय एसआईटी से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। इस व्यवस्था का उद्देश्य जांच को मजबूत, केंद्रित और पारदर्शी बनाना है, ताकि करोड़ों रुपये की इस चोरी के पीछे के असली मास्टरमाइंड तक पहुंचा जा सके।

मुरादाबाद बना जांच का केंद्र, 600 करोड़ से अधिक का घोटाला उजागर

24 अक्टूबर को मुरादाबाद में राज्य कर विभाग के अधिकारियों ने दो ट्रकों को चेकिंग के दौरान पकड़ा। ट्रकों में सरिया (Steel Bars) लदा था, जिसे फर्जी GST बिलों की मदद से बिना टैक्स दिए ट्रांसपोर्ट किया जा रहा था।

जांच गहराई तक गई तो बड़ा खुलासा हुआ

दो मोबाइल नंबरों पर 122 फर्जी फर्में पंजीकृत थीं। इन्हीं फर्मों के नाम से 400 करोड़ से अधिक का फर्जी बिलिंग और GST चोरी की जा चुकी थी। इसके बाद 31 अक्टूबर को सिविल लाइंस थाने में राज्यकर विभाग के दो वरिष्ठ सहायकों पिकू कुमार और प्रमोद कुमार ने अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए। इन मुकदमों में फर्म के कथित मालिक अंकित कुमार समेत कई लोगों को नामजद किया गया। धीरे-धीरे यह केस और व्यापक होता गया और अब तक मुरादाबाद के अलग-अलग थानों में कुल नौ मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, जिनमें लगभग 600 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी सामने आई है।

45 जिलों तक फैली जांच, 147 केसों की समीक्षा

मुरादाबाद के इन मामलों की समीक्षा जब शासन स्तर पर की गई, तो पता चला कि मामला सिर्फ एक जिले का नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में फैला हुआ है। राज्यभर के 45 जिलों में 147 जीएसटी चोरी के केस दर्ज हैं, जिनमें करोड़ों का राजस्व नुकसान हुआ है।
इन सभी मामलों में फर्जी फर्मों, कागजों पर व्यापार, काल्पनिक ट्रांजेक्शन, बिना जीएसटी बिल के माल की ढुलाई और टैक्स चोरी के अन्य तरीकों का इस्तेमाल किया गया है।

डीजीपी ने गठित की उच्चस्तरीय SIT

  • इन व्यापक और जटिल मामलों की निगरानी के लिए डीजीपी राजीव कृष्ण ने राज्य स्तरीय एसआईटी का गठन किया है।एसआईटी में शामिल अधिकारी:
  • सुनील मेनुएल, आईजी – प्रमुख (EOW)
  • सुशील घुले चंद्रभान, आईपीएस
  • अविनाश पांडेय, आईपीएस
  • बबिता सिंह, आईपीएस
  • प्रेम कुमार शुक्ला, आईपीएसइन पांचों अधिकारियों को जांच के विभिन्न पहलुओं पर निगरानी रखने, जिलों से दस्तावेज मंगवाने, मुख्य साजिशकर्ताओं की पहचान करने और कार्रवाई की रूपरेखा तय करने का दायित्व सौंपा गया है।

जिला स्तर पर भी बनी एसआईटी

मुरादाबाद में एसएसपी सतपाल अंतिल ने एसपी क्राइम सुभाष चंद्र गंगवार के नेतृत्व में 11 सदस्यीय एसआईटी बनाई है। यह टीम स्थानीय स्तर पर साक्ष्य जुटाने, संदिग्धों से पूछताछ करने और फर्जी फर्मों के पूरे नेटवर्क को खंगालने का काम कर रही है। एसपी क्राइम सुभाष चंद्र गंगवार ने बताया कि जिले में जीएसटी चोरी की जांच स्थानीय एसआईटी करेगी और आवश्यक साक्ष्य जुटाएगी। लखनऊ में गठित एसआईटी पूरी जांच की सुपरविजन करेगी।”

GST चोरी का बढ़ता नेटवर्क, बड़ा सवाल-कहां हो रही थी निगरानी

यह मामला केवल फर्जी फर्मों और नकली बिलिंग का नहीं, बल्कि एक बड़े संगठित नेटवर्क का संकेत देता है। विशेषज्ञों के अनुसार, फर्जी फर्म बनाने के लिए ,दूसरों के आधार कार्ड, मोबाइल नंबर,बैंक अकाउंट और फर्जी पते का इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह नेटवर्क कई राज्यों में फैला हो सकता है। इतने बड़े पैमाने की टैक्स चोरी ने राज्यों की राजस्व सुरक्षा प्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं।

एक मोबाइल नंबर से पंजीकृत 122 फर्जी फर्म-बड़ी साजिश का संकेत

कर विभाग के अनुसार केवल दो मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर 122 फर्जी कंपनियां बनाई गई। इन कंपनियों के नाम पर करोड़ों का फर्जी व्यापार,जीएसटी रिफंड,बिलिंग,और माल ढुलाई दिखाकर राजकोष को भारी नुकसान पहुंचाया गया। जांच में यह भी सामने आया कि कई फर्में तो ऐसी थीं, जिनका कोई वास्तविक अस्तित्व ही नहीं था।

अगले चरण में गिरफ्तारी और संपत्ति जब्ती की तैयारी

  • एसआईटी अब दस्तावेजों की समीक्षा करके अगले चरण की कार्रवाई की ओर बढ़ेगी।इनमें शामिल हैं
  • प्रमुख आरोपी की गिरफ्तारी
  • फर्जी फर्मों की पहचान

बैंक खातों की जांच और संपत्ति जब्ती की कार्रवाई। एसआईटी ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि बिना अनुमति किसी भी आरोपी पर कार्रवाई न की जाए ताकि राज्य स्तर पर एकीकृत रणनीति लागू की जा सके।