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पांच माह से करीब 500 सैंपल की जांच रिपोर्ट भोपाल लैब में अटकी

विभाग के नियमानुसार 14 दिन में आना चाहिए लैब से जांच रिपोर्ट, लगातार हो रही सैंपलिंग, रिपोर्ट नहीं मिल रही तो इसलिट माफिया की बल्ले-बल्ले

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मुरैना. शासन व प्रशासन के निर्देशों के पालन में खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा लगातार शहर में खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए जा रहे हैं लेकिन पिछले पांच माह से भोपाल से लैब से कोई जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। जिसके चलते मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है। वहीं माफिया की बल्ले-बल्ले हो रही है। साथ ही जिनके खाद पदार्थों के सेंपल लिए वह दुकानदारों द्वारा खपाया भी जा चुका है, ऐसी स्थिति में सैंपलिंग का क्या मतलब रह जाता है।


विभाग के नियमानुसार सैंपल की रिपोर्ट 14 दिन में भोपाल लैब से फाइनल होकर विभाग को मिल जाना चाहिए। उसके बाद मिलावटखोरों के खिलाफ आगामी कार्रवाई की जाती है लेकिन भोपाल लैब एनएबीएल की ऑडिट में कुछ कमियां पाई गई, इसलिए फिलहाल जांच नहीं हो पा रही है, इसलिए पिछले पांच महीने से करीब मुरैना के 500 सैंपल पेडिंग पड़े हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग में चार अधिकारी हैं, महीने में एक अधिकारी को करीब 10 लीगल व 15 सर्विलेंस सैंपल का लक्ष्य भोपाल से मिला हुआ है। इस लिहाज से अप्रैल माह से अभी तक करीब ५०० सैंपल भोपाल भेजे जा चुके हैं। उनकी रिपोर्ट अभी तक प्राप्त नहीं हुई है।

सैंपलों को रखने के लिए जगह का संकट

नियमानुसार जो सैंपल भोपाल लैब भेजा जाता है, उसके तीन सैंपल जिला मुख्यालय पर रखने होते हैं, जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती। अगर रिपोर्ट में मिलावट पाई गई तो मामला को न्यायालय में भेजा जाता है और केस के निर्णय तक संबंधित सैंपल को रखना पड़ता है अन्य का विनिष्टीकरण करवा दिया जाता है लेकिन पांच माह से कोई रिपोर्ट नहीं आई है तो इसलिए सैंपल को रखा जा रहा है। विभाग के लिए सैंंपल रखने के लिए जगह का संकट खड़ा हो गया है। अलमारियों में जगह तक नहीं बची हैं। विभाग के सामने संकट यह है कि अब नमूनों को कहां रखा जाए।

इधर… बाबा देवपुरी मंदिर एरिया नहीं होती सैंपलिंग

नेशनल हाईवे क्रमांक 44 पर सरायछौला थाना क्षेत्र में बाबा देवपुरी मंदिर के एरिया में करीब 150 दुकान प्रसाद की हैं, जिन पर केक व पेड़ा बिकते हैं। इनमें से अधिकांश दुकानों पर मिलावटी मिठाई खुलेआम बिक रही है लेकिन विभाग यहां सैंपलिंग नहीं कर रहा है। पिछले साल प्रयास किया था तो दुकानदारों ने पूरे अमले को वहां से खदेड़ दिया था। इस बार विभाग यहां सैंपलिंग की तैयारी कर रहा है।

मुरैना से पिछले पांच माह में करीब 500 सैंपल भोपाल लैब भेजे जा चुके हैं, उनकी अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं आई है। लैब एनएलबीएल सर्टिफाइड होना चाहिए, टीम ने लैब का ऑडिट किया था, कुछ कमियां पाई गई, इसलिए जांच नहीं हो पा रही है। बाबा देवपुरी मंदिर पर वरिष्ठ अधिकारी व पुलिस फोर्स के साथ सैंपलिंग की जाएगी


अवनीश गुप्ता, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी