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BJP सांसद का कांग्रेस पर बड़ा आरोप, कमीशनखोरी छुपाने के लिए ललित नारायण मिश्रा को मरवाया

भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर हत्या का आरोप लगाते हुए कहा, कांग्रेस ने अपना कमीशन घोटाला छिपाने के लिए मिश्रा की हत्या करवाई।

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भारत

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Devika Chatraj

Sep 29, 2025

Nishikant Dubey

निशिकांत दुबे का कांग्रेस पर बड़ा आरोप (ANI)

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दमदार सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने एक बार फिर कांग्रेस (Congress) पर गंभीर आरोप लगाते हुए राजनीतिक हलकों में हंगामा मचा दिया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर सोमवार को एक पोस्ट के जरिए दुबे ने पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा (Lalit Narayan Mishra) की 1975 में हुई हत्या को कांग्रेस से जोड़ते हुए सवाल उठाया। उन्होंने दावा किया कि क्या कांग्रेस ने अपना कमीशन घोटाला छिपाने के लिए मिश्रा की हत्या करवाई? यह आरोप 50 साल पुराने इस रहस्यमयी कांड को फिर से सुर्खियों में ला रहा है।

दुबे का पोस्ट में कांग्रेस पर आरोप

गोड्डा से चार बार के सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी पोस्ट में घटनाक्रम को छह बिंदुओं में बयान किया और इसे 'घोर कलयुग' करार दिया।

  • भारत सरकार ने 1972-73 में एक फ़र्ज़ी आयात निर्यात लाइसेंस जारी किया
  • ललित नारायण मिश्र विदेश व्यापार मंत्री थे, पैसे का लेन-देन शुरू हुआ ।उस वक़्त 1 लाख 20 हज़ार महीना?
  • संसद में हंगामा हुआ 1973 में जॉंच शुरू हुई,ललित बाबू का मंत्रालय बदलकर रेल मंत्री बनाया गया
  • 1974 के सितंबर में CBI ने चार्जशीट दायर की,आरोप यानि फ़र्ज़ी कम्पनी बनाकर लेन देन हुआ,सिद्ध हुआ
  • 9 दिसंबर 1974 को हमारे नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने ललित नारायण मिश्र की धज्जियाँ उड़ाई तथा पैसे के लेनदेन के सबूत दिए CBI चार्जशीट के आधार पर,विशेषाधिकार लाया गया
  • 3 जनवरी 1975 को क्या इसी भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए ललित बाबू बम विस्फोट से उड़ा दिए गए?

ललित बाबू को बम विस्फोट से उड़ा दिया गया?"

दुबे ने पोस्ट के अंत में लिखा, "घोर कलयुग।" यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और भाजपा समर्थकों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।

ललित नारायण मिश्रा की हत्या

ललित नारायण मिश्रा (1923-1975) कांग्रेस के कद्दावर नेता थे, जो इंदिरा गांधी के करीबी माने जाते थे। वे 1973 से 1975 तक रेल मंत्री रहे। 3 जनवरी 1975 को बिहार के समस्तीपुर में रेलवे स्टेशन उद्घाटन के दौरान बम विस्फोट में उनकी मौत हो गई। आधिकारिक जांच में आनंद मार्ग के सदस्यों को दोषी ठहराया गया और 2014 में चार को उम्रकैद की सजा हुई। लेकिन मिश्रा परिवार और कई राजनीतिक विश्लेषक इसे राजनीतिक साजिश मानते हैं।

दोबारा जांच की मांग

हाल ही में, मई 2025 में भाजपा नेता अश्विनी चौबे ने भी इस हत्या की दोबारा जांच की मांग की और कहा कि इसमें तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कुछ लोगों का हाथ था। जनवरी 2025 में बिहार के मंत्री नीरज बबलू ने कांग्रेस पर जांच पूरी न करने का आरोप लगाया। सुप्रीम कोर्ट में भी मिश्रा के पोते ऋषि मिश्रा ने नई जांच की याचिका दायर की है, जिसमें सीबीआई को जवाब देना है।

कांग्रेस पर लगातार हमले

यह पहली बार नहीं है जब निशिकांत दुबे ने कांग्रेस और गांधी परिवार पर संगीन आरोप लगाए हैं। दिसंबर 2024 में उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव दिया और कहा कि कांग्रेस भाजपा सांसदों की हत्या करवा सकती है।


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