
सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत। फोटो- पत्रिका नेटवर्क
राष्ट्रीय स्वयंंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत और हिंदू एक ही हैं। भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की कोई जरूरत नहीं है। हमारी सभ्यता पहले से ही इसे जाहिर करती है। गुवहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने कहा कि जो भी भारत पर गर्व करता है। वह हिंदू है। संघ प्रमुख ने कहा कि भारत और हिंदू एक ही हैं। हिंदू सिर्फ धार्मिक शब्द नहीं बल्कि एक सभ्यता गत पहचान है, जो हजारों साल की सांस्कृतिक परंपरा से जुड़ी है। भागवत तीन दिवसीय पूर्वोत्तर के दौरे पर हैं। इसके बाद वह 20 नवंबर को मणिपुर के लिए रवाना होंगे।
असम में जनसांख्यकी बदलाव पर भागवत ने कहा कि हमें आत्मविश्वास, सतर्कता और अपनी जमीन संस्कृति से मजबूत लगाव रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को मिलकर निस्वार्थ भाव से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर विविधता का बेहतरीन उदाहरण है। भागवत ने कहा कि लचित बोरफुकन और श्रीमंत शंकरदेव जैसे व्यक्तित्व सिर्फ क्षेत्रीय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय महत्व रखते हैं। सभी भारतीयों को प्रेरित करते हैं।
मोहन भागवत ने कहा कि आरएसएस की स्थापना किसी का विरोध करने या उसे नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने और भारत को वैश्विक नेता बनाने में योगदान देने के लिए की गई थी. उन्होंने कहा, विविधता के बीच भारत को एकजुट करने की पद्धति को आरएसएस कहा जाता है.
मोहन भागवत ने इससे पहले के संबोधन में कहा था कि पहले लोग संघ के काम पर हंसते थे। वह संघ के पहले प्रमुख डॉ. हेडगेवार पर भी हंसते थे। कहते थे कि हेडगेवार अपनी नाक साफ नहीं कर सकते हैं और ऐसे बच्चों को लेकर राष्ट्र निर्माण करने के लिए चले हैं। इस तरह उनका उनका उपहास होता था। आज संघ देश भर में मौजूद है।
संघ प्रमुख ने आतंकी हमलों को लेकर अपने बयान में कहा था कि भारत के पास शक्तिशाली होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। हम अपनी सीमाओं पर बुरी ताकतों की दुष्टता देख रहे हैं। भागवत ने हिंदू समाज से एक होने और भारतीय सेना को ताकतवर बनाने की भी अपील की थी।
बता दें कि असम में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में बीजेपी और संघ असम में अपनी जमीन मजबूत करने में जुटा है। बीत दस सालों से वहां भाजपा की सरकार है। पहले पांच साल सर्वानंद सोनेवाल असम के सीएम रहे हैं। वहीं 2021 से हिमंत बिस्वा सरमा राज्य में सत्ता की बागडोर थामे हुए हैं। वहीं, असम की जनसंख्या 2025 में अनुमानित 3.65 करोड़ है। 2011 की जनगमणा के अनुसार यहां हिंदू 61% और मुस्लिम 34% रहते हैं। ऐसे में बीजेपी लगातार हिंदू वोट को एकीकृत रखने की कोशिश कर रही है।
Published on:
19 Nov 2025 12:46 pm
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
