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डेढ़ साल बाद भी नहीं खुला एनसीबी ऑफिस, बढ़ते ड्रोन ड्रग नेटवर्क से घिरा श्रीगंगानगर

-सीमावर्ती जिले में बढ़ते ड्रोन ड्रग तस्करी मामलों से बढ़ी चिंता -मंजूरी के बाद भी प्रक्रिया धीमी, एजेंसियों के समन्वय पर असर

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आधिकारिक एनसीबी प्रतीक

आधिकारिक एनसीबी प्रतीक

श्रीगंगानगर. गृह मंत्रालय से श्रीगंगानगर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूराे (एनसीबी) के फील्ड ऑफिस की मंजूरी मिले डेढ़ साल हो गया, लेकिन इसके खुलने के बारे में अभी तक कोई अता-पता नहीं। जब इस ऑफिस की मंजूरी मिली थी तब इसके जनवरी 2025 में खुलने का दावा किया गया था। युवा पीढ़ी में नशे के बढ़ते प्रचलन और पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हेरोइन की तस्करी को लेकर इस सीमावर्ती जिले को अति संवेदनशील मानते हुए गृह मंत्रालय ने जयपुर व जोधपुर के बाद श्रीगंगानगर में एनसीबी का फील्ड ऑफिस खोलने की मंजूरी गत वर्ष जून में दी थी।
राजस्थान से सटी भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा से पाकिस्तान के ड्रोन के जरिए हेरोइन की खेप भेजे जाने की लगातार हो रही घटनाओं को गृह मंत्रालय ने गंभीरता से लिया। तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए राज्य सरकार ने नौ जिलों में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की चौकियां खोलने की स्वीकृति दी है, वहीं गृह मंत्रालय ने देश में एनसीबी के नए फील्ड ऑफिस खोलने की मंजूरी दी, जिनमें से श्रीगंगानगर एक है। अन्य ऑफिस बरेली, फिरोजपुर, मंडी, पोर्ट ब्लेयर, दीमापुर, आइजोल, मदुरै, मैंगलोर तथा नागपुर में खोलने की घोषणा हुई थी।

ड्रोन से ड्रग्स अटैक जारी

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के ड्रोन के जरिए हेरोइन की खेप भेजने की घटनाओं पर अंकुश लगा था, लेकिन कुछ माह की चुप्पी के बाद पाकिस्तानी तस्करों ने यह काम पुन: शुरू कर दिया। इसी माह श्रीकरणपुर क्षेत्र के बॉर्डर से सटे गांवों के खेतों में हेरोइन की दो खेप बीएसएफ ने बरामद की है। यह खेप ड्रोन के जरिए भारतीय सीमा में गिराए जाने की बात सामने आई है।

यह होगा फायदा

श्रीगंगानगर में एनसीबी का फील्ड ऑफिस खुलने से बीएसएफ व पुलिस सहित अन्य सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित होगा। सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों के बीच नशे की तस्करी से जुड़ी सूचनाओं का आदान-प्रदान होने से नशे के तस्करों पर नकेल कसने में मदद मिलेगी, वहीं पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हेरोइन की खेप मंगाने वाले पंजाब के ड्रग माफिया ने श्रीगंगानगर जिले के सीमावर्ती गांवों में जो नेटवर्क स्थापित किया है, उसे ध्वस्त करने में भी मदद मिलेगी।

त्वरित कार्रवाई होगी

एनसीबी का फील्ड ऑफिस खुलने से नशे की तस्करी से संबंधित मामलों में त्वरित कार्रवाई होगी। अभी पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में हेरोइन की खेप गिराने का मामला सामने आता है तो बीएसएफ को इसकी सूचना एनसीबी के जोधपुर क्षेत्रीय कार्यालय को देनी पड़ती है। वहां से टीम के यहां पहुंचने में काफी समय लगता है, जिससे जांच में देरी होती है। फील्ड ऑफिस खुलने से नशे की तस्करी से जुड़ा मामला सामने आने पर त्वरित कार्रवाई हो सकेगी।

निगरानी बढ़ेगी

एनसीबी का फील्ड ऑफिस खुलने से एक फायदा यह भी होगा कि, इससे निगरानी तंत्र मजबूत होगा। एनसीबी का मुख्य काम नशे के तस्करों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के साथ-साथ नशे के नेटवर्क का पता लगा कर उसे पूरी तरह से ध्वस्त करना है। बॉर्डर पर यह काम बीएसएफ कर रही है तो अन्य इलाकों में पुलिस और खुफिया एजेंसियां यह काम कर रही हैं। एनसीबी का अपना सूचना तंत्र है जो अन्य सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों के निगरानी तंत्र को मजबूत करने में मददगार साबित होगा।

फिस की मंजूरी मिली है तो यह देर सवेर खुलेगा जरूर

एनसीबी के फील्ड ऑफिस के लिए कई औपचारिकताएं पूरी हो गई है। पदों को लेकर अभी एक्सरसाइज चल रही है। ऑफिस की मंजूरी मिली है तो यह देर सवेर खुलेगा जरूर। -घनश्याम सोनी, क्षेत्रीय निदेशक, एनसीबी राजस्थान, जोधपुर