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तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और बिहार की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court, SC) ने मंगलवार को तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) पर याचिकाओं पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि वे इस प्रक्रिया को लेकर इतने चिंतित क्यों हैं? पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, वह मतदाता सूची की सफाई का कार्य कर रही है और इसमें कुछ कमियां हो सकती हैं जिन्हें सुधारा जा सकता है।
एसआइआर (SIR) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई में न्यायालय ने कहा, "आप लोग इतने चिंतित क्यों हैं? चुनाव आयोग को इन सभी मुद्दों का जवाब देना होगा और वे देंगे भी। कुछ कमियां होंगी, जिन्हें सुधारा जाना चाहिए, यह कमियों के सुधार का मामला है।"
तमिलनाडु समेत अन्य की याचिका
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस ने एसआइआर के खिलाफ याचिका दाखिल की है, जबकि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने यह याचिका दायर की है। उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष चुनाव होने हैं। द्रमुक के संगठन सचिव आरएस भारती की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि तमिलनाडु में एसआइआर को सुचारू रूप से करने में कई समस्याएं आ सकती हैं। उन्होंने कहा, "यहां मानसून का समय है, बारिश एक समान नहीं होती। इस दौरान बूथ लेवल अधिकारी बाढ़ राहत कार्यों में भी लगे रहेंगे। तमिलनाडु कृषि प्रधान राज्य है, अधिकतर लोग उपलब्ध नहीं होंगे। क्रिसमस की छुट्टियां होंगी, अधिकतर परिवार उपलब्ध नहीं होंगे। पोंगल भी इसी दौरान मनाया जाता है।"
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसआइआर के सुचारू संचालन में जो भी कमियां हैं, उन्हें दूर किया जाना चाहिए।
इतनी जल्दी क्यों है चुनाव आयोग कोसिब्बल ने यह भी बताया कि फॉर्म वितरण चरण में 3.94 करोड़ फॉर्म में से केवल 4,000 फॉर्म ही डिजिटाइज हो सके हैं। उन्होंने कहा, "अगर इसे ध्यान में रखें तो लाखों फॉर्म डिजिटाइज नहीं हो पाएंगे। दावा-आपत्ति और नोटिस की अवधि भी आपस में ओवरलैप करेगी। इतनी जल्दी क्यों की जा रही है, हम समझ नहीं पा रहे हैं। हम सब चाहते हैं कि सिस्टम सही चले, हम केवल सुझाव दे रहे हैं।" सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर सभी बिंदुओं पर दो सप्ताह में जवाब मांगा।
राज्य के हाईकोर्ट को निर्देश
इसी बीच, चुनाव आयोग (ईसी) ने विभिन्न उच्च न्यायालयों (एचसी) में समानांतर सुनवाइयों को लेकर आपत्ति जताई, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने एचसी से अनुरोध किया कि वे अपने-अपने राज्यों में एसआइआर की वैधता पर चल रही कार्यवाही को फिलहाल स्थगित रखें। अदालत ने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए, संबंधित सभी छह याचिकाओं में ईसी को नोटिस जारी किया और अगली सुनवाई की तारीख 26 नवंबर निर्धारित की।
एसआइआर का दूसरा चरण
27 अक्टूबर को आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नवम्बर से फरवरी तक एसआइआर के दूसरे चरण की घोषणा की। इसमें अंडमान निकोबार, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्यप्रदेश, पुदुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। एसआइआर का दूसरा चरण 4 नवम्बर से शुरू हुआ है और 4 दिसम्बर तक चलेगा। 9 दिसम्बर को प्रारूप मतदाता सूची और 7 फरवरी, 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
Published on:
12 Nov 2025 01:17 pm
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