चुनाव बंद होने चाहिए
विश्वविद्यालय कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव केवल मात्र फिजूलखर्ची है। इन चुनावों का कोई औचित्य नहीं है। यह केवल प्रसिद्धि पाने का एकमात्र जरिया बन के रह गया है। कोविड से पहले चुनाव होते थे, अब नहीं होते इससे कोई फर्क नहीं पड़ा है। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव बंद होने चाहिए। - नवीन कुमार फलवाडिया, सुजानगढ़
कराए जाने चाहिए छात्रसंघ चुनाव
मेरे विचार से विश्वविद्यालयों तथा कालेजों में छात्र संघ चुनाव अनुशासन के साथ कराए जाने चाहिए। इनसे देश को युवा तथा ऊर्जावान नेता मिलते हैं, जो भविष्य में देश का नेतृत्व कर उसे विकास के रास्ते पर ले जा सकते हैं। -वसंत बापट, भोपाल
छात्र राजनीति राष्ट्र निर्माण का माध्यम बने
विश्वविद्यालय-कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव से चुने हुए प्रतिनिधि छात्रों की समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते हैं पर छात्र राजनीति पढ़ाई के माहौल को प्रभावित करती है। चुनाव में गुटबाजी, बाहरी राजनीति दलों का हस्तक्षेप और हिंसा जैसी घटनाएं चिंतन योग्य हैं। चुनावी प्रचार में शिक्षा, संस्कृति और विकास से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि छात्र राजनीति सही मायने में राष्ट्र निर्माण का माध्यम बने। - गोपाल अरोड़ा, जोधपुर
छात्रसंघ चुनाव एक दोधारी तलवार
छात्र संघ चुनाव विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जिस प्रकार प्रत्येक विचारधारा के दो पक्ष होते है उसी प्रकार छात्र संघ चुनाव जहां एक ओर छात्रों में नेतृत्व, टीम वर्क और सार्वजनिक रूप से बोलने जैसे महत्त्वपूर्ण कौशल विकसित करने का अवसर देते हैं। छात्र-छात्राओं की समस्याओं जैसे छात्रावास की सुविधा, कैंटीन की गुणवत्ता या शैक्षणिक मुद्दों को हल करने के लिए प्रशासन के साथ मिलकर काम करने का मौका देते हैं। वहीं दूसरी ओर अगर इनमें अनुशासन की कमी हो, तो ये शैक्षणिक माहौल के लिए हानिकारक भी साबित हो सकते हैं। - डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर
राजनीति के प्रवेशद्वारों पर कड़ी सुरक्षा अनिवार्य
पूरे देश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के चुनावों को गंभीरतापूर्वक रक्षा सुरक्षा के घेरे में संपन्न कराना चाहिए। चूंकि विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के चुनाव होते है इसलिए इन चुनावों को सामान्य चुनाव नहीं समझना चाहिए। कड़ी निगरानी में आत्मानुशासित प्रणाली अंतर्गत विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के चुनावों को अंजाम देना सदा बेहतर रहेगा। - डॉ. मुकेश भटनागर, भिलाई, छत्तीसगढ
चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी होने चाहिए
चुनाव पारदर्शी निष्पक्ष और मुद्दों पर आधारित हो तो वह छात्रों के विकास के लिए बहुत लाभदायक साबित होंगे। छात्रों को मतदान चुनाव प्रक्रिया और लोकतांत्रिक प्रणाली के महत्त्व का अनुभव होगा। उन्हें अपने अधिकारों कर्तव्यों और सामाजिक मुद्दों की जानकारी होगी चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने से सार्वजनिक रूप से बोलने और संवाद करने से आत्मविश्वास बढ़ेगा। चुनाव में खड़े होने और प्रचार करने से नेतृत्व और निर्णय लेने की क्षमता बढ़गी। छात्र प्रत्यक्ष रूप से लोकतंत्र की बुनियादी प्रक्रिया को समझकर राजनीतिक सामाजिक मुद्दों और जिम्मेदारी के प्रति जागरूकता होंगे। - मोदिता सनाढ्य उदयपुर
चुनाव जरूरी हैं
विश्वविद्यालयों-कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव कराने में सरकार की रुचि नहीं लगती। जबकि इन चुनावों को कराना छात्रहित में होता है। इन्हीं चुनावों से अच्छे जनप्रतिनिधि मिलते रहे हैं। वहीं, छात्रसंघ अध्यक्ष जो बनता है, वह सकारात्मक सोच के साथ विश्वविद्यालय-कॉलेजों के उच्च प्रबंधन के साथ वार्ता कर छात्र समस्याओं के निराकरण के लिए हरसंभव कदम उठाता है। चुनाव जरूरी हैं, मगर निष्पक्षता और अनुशासन के साथ कराए जाएं। - शिवजी लाल मीना, जयपुर
Published on:
11 Aug 2025 07:34 pm