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आपकी बातः दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर अंकुश के क्या स्थायी समाधान हो सकते है?

पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत है पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं

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जयपुर

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Opinion Desk

Nov 24, 2025

ग्रीन जोन विकसित करने चाहिए
दिल्ली-एनसीआर जैसे महानगरों में प्रदूषण पर अंकुश के लिए स्थाई रूप से ग्रीन जोन विकसित करने चाहिए। इसके लिए जमीन छोड़ कर ऐसा किया जा सकता है। लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए। वाहनों के लिए ऑड इवन फॉर्मूला लागू कर वाहनों के आवागमन को नियंत्रित करके भी प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है। - राजकुमार पाटीदार, झालावाड़

प्रदूषण नियंत्रण नीति बनाए
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण रोकने के लिए सार्वजनिक परिवहन बढ़ाना, इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देना चाहिए। इसके साथ ही निर्माण-धूल नियंत्रण, हरित पट्टी विस्तार, कचरे का वैज्ञानिक निपटान करना भी जरूरी है। दृढ़ प्रदूषण नियंत्रण नीति बनाकर औद्योगिक उत्सर्जन कम करना जरूरी है। - डॉ अभिनव शर्मा, झालावाड़

सरकार और जनता दोनों जागरूक हों
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार से अधिक आम जनता को जागरूक होना होगा। किसानों को खेतों में पराली जलाने से रोकना होगा। किसान प्रदूषण की समस्या को समझते हुए स्वयं प्रदूषणमुक्त खेती करने पर विचार करें। सरकार भी किसानों को आवश्यक सुविधाएं देना सुनिश्चित करें। सरकार और आम जनता प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से लेंगे तभी प्रदूषण की समस्या से निजात पाया जा सकता है। - आजाद पूरण सिंह राजावत, जयपुर

साइकिलिंग का उपयोग किया जाए
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर अंकुश के लिए समय-समय पर सभी वाहनों की प्रदूषण जांच आवश्यक है। सभी वाहनों को सम और विषम अंक के आधार पर चलना तय किया जाए तो दिल्ली और अन्य सभी महानगरों में प्रदूषण पर अंकुश लगाया जा सकता है। साथ ही साइकिलिंग से अपने जरूर कार्य करे और एक दिन ऑफिस जाने के लिए साईकल का प्रयोग करे। - आनन्द सिंह राजावत, ब्यावर

जनता में जागरूकता बढ़ायी जाए
दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के स्थायी समाधान के लिए औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाले अपशिष्ट पर नियमित निगरानी व दंड व्यवस्था का प्रावधान करना चाहिए। हरित क्षेत्र के विस्तार के लिए अधिक से अधिक पेड़ो को लगाना और उनका सरंक्षण करना जरूरी है। इस समस्या के प्रति जागरूकता लाने के लिए चर्चित चेहरों, सामजिक और धार्मिक संगठनों के नेताओं द्वारा भी जागरूकता की अपील की जानी चाहिए। वाहन प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सार्वजनिक वाहनों, मेट्रो, बस आदि को बढ़ावा देना चाहिए। - सवाई सिंह चम्पावत, जैसलमेर

अपशिष्ट प्रबंधन बेहतर करना चाहिए
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के स्थायी समाधान के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण को अपनाना जरूरी है। इसके लिए स्वच्छ ऊर्जा को अपनाकर परिवहन, उद्योग और कृषि जैसे क्षेत्रों में नियमों का कड़ाई से पालन शामिल है। प्रमुख रणनीतियों में इलेक्ट्रिक वाहनों और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना, उद्योगों को स्वच्छ ईंधन पर ले जाना या उन्हें स्थानांतरित करना, और पराली जलाने से रोकने के लिए बेहतर कृषि अपशिष्ट प्रबंधन लागू करना शामिल है। डॉ. चांदनी श्रीवास्तव, रायपुर

सार्वजनिक परिवहन में सुधार करना
प्रदूषण नियंत्रण के लिए सार्वजनिक परिवहन में सुधार करना और पराली जलाने पर रोक लगाना अनिवार्य है। निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण करना और हरित आवरण तैयार करना जरूरी है। स्वच्छ ऊर्जा सूत्रों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। निजी वाहनों के उपयोग को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन साइकिल या पैदल चलने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में सुधार करना चाहिए। पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। सड़क किनारे हरित पट्टियां बनवानी चाहिए। - मोदिता सनाढ्य, उदयपुर

बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाना चाहिए
एनसीआर के प्रदूषण की गंभीर समस्या के स्थायी समाधान के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण आवश्यक है। इसमें नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का अधिकतम उपयोग, सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सुदृढ़ बनाना, उद्योगों और निर्माण कार्यों से होने वाले प्रदूषण पर सख्त नियंत्रण करना चाहिए। इसेक साथ ही पराली जलाने की समस्या का समाधान और व्यापक वृक्षारोपण करना चाहिए। इसके अतिरिक्त जन जागरूकता अभियान और सरकारी नीतियों का प्रभावी कार्यान्वयन भी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। - डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर

समग्र दृष्टिकोण अपनाना होगा
वातावरण में हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए स्माॅग टावर, बायोफिल्टर तकनीक, कृत्रिम वर्षा का प्रयोग किया जा सकता है। नवीन प्रदूषण को रोकने केे लिए इलेक्ट्रिक मोबेलिटी, उद्योगो में आधुनिक एयर स्क्रबर, निर्माण स्थलों पर डस्ट कन्ट्रोल तकनीक, स्मार्ट एयर क्वालिटी माॅनिटरिंग, स्वच्छ ईंधन का विस्तार, नियमित रूप से सड़कों व सार्वजनिक स्थलों की सफाई आदि उपाय अपनाने होंगे। - मनीष सोनी, फलोदी

व्यक्तिगत वाहनों का उपयोग कम हो
दिल्ली-एनसीआर में प्रदुषण पर अंकुश के लिए पूरे क्षेत्र मे व्यक्तिगत वाहनों का सीमित उपयोग और सस्ते सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था करनी चाहिए। कचरा संग्रहण व नियमित सफाई व्यवस्था के लिए आम जनता में जागरूकता व जन सहयोग की भावना को बढा़ना चाहिए। इसके साथ ही ई-वाहन को प्रोत्साहन और उसका अधिकाधिक उपयोग को प्राथमिकता दी जाए। - ओम प्रकाश छापरवाल, अजमेर

वैज्ञानिक कदम उठाए जाए
दिल्ली–एनसीआर में प्रदूषण से निपटने के लिए स्थायी कदम उठाना जरूरी हैं। किसानों को बायो-डीकम्पोज़र, आधुनिक मशीनरी और आर्थिक सहायता देकर पराली जलाने की समस्या को वैज्ञानिक तरीके से समाप्त करना चाहिए। सार्वजनिक परिवहन मेट्रो, ई-बस और इलेक्ट्रिक वाहनों को अनिवार्य बनाकर निजी वाहनों पर निर्भरता घटानी होगी। बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण, माइक्रो-फॉरेस्ट जैसे उपाय हवा की गुणवत्ता में स्थायी सुधार ला सकते हैं। साथ ही, निर्माण स्थलों की धूल पर नियंत्रण और औद्योगिक उत्सर्जन की कड़ी निगरानी भी अनिवार्य है। - डॉ. दीपिका झंवर

वाहनों में ऑड इवन फार्मूला लागू हो
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की रोकथाम के लिए सर्वप्रथम तो वाहनों की संख्या कम की जाए। प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर पूर्णतया रोक लगाई जाए। दिल्ली में कुछ समय पूर्व ऑड इवन का फार्मूला लागू किया था, उसे हमेशा के लिए लागू कर दिया जाए। ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करना चाहिए। पराली जलाने पर रोक लगाई जाए और फैक्ट्रीरियों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों को उचित स्थान पर डालने के निर्देश दिए जाए। - कैलाश चन्द्र मोदी, सादुलपुर