
महाबलीपुरम से विराट रामायण मंदिर के लिए रवाना हुआ शिवलिंग
बिहार के पूर्वी चंपारण जिला के चकिया में निर्माणाधीन विश्व का सबसे बड़ा विराट रामायण मंदिर एक और ऐतिहासिक पड़ाव की ओर बढ़ चुका है। तमिलनाडु के महाबलीपुरम में वर्षों की कठोर साधना जैसे श्रम के बाद तैयार हुआ 33 फीट ऊँचा और 210 मीट्रिक टन वजनी विशाल शिवलिंग शुक्रवार को विधिवत पूजा-अर्चना के बाद पूर्वी चंपारण के लिए रवाना कर दिया गया। यह शिवलिंग भारत के किसी भी मंदिर में स्थापित होने वाला अब तक का सबसे बड़ा शिवलिंग माना जा रहा है। शुक्रवार (21 नवंबर) को इसे तमिलनाडू के महाबलीपुरम से 96 चक्का वाले विशेष ट्रक से पूर्वी चंपारण के लिए रवाना किया गया।
इस विशाल शिवलिंग का निर्माण महाबलीपुरम के पट्टीकाडु गांव में बीते दस साल से शिल्पकार लोकनाथ की टीम द्वारा किया जा रहा था। यह शिवलिंग एक विशाल ग्रेनाइट पत्थर से तराशा गया है। निर्माण से जुड़े विनायक वेंकटरमण के अनुसार, इस पर लगभग 3 करोड़ रुपये की लागत आई है। शिवलिंग को रवाना करने से पहले पूरे गांव ने पूजन-विधि में हिस्सा लिया। इसके बाद शिवलिंग को 96 चक्का वाले विशाल ट्रांसपोर्टर ट्रक पर लादकर यात्रा शुरू कराई गई। विनायक वेंकटरमण ने बताया कि यह शिवलिंग नए साल में (जनवरी-फरवरी तक) विराट रामायण मंदिर में स्थापित हो जाएगा। यह देश में किसी भी मंदिर में स्थापित होने वाला सबसे बड़ा शिवलिंग माना जा रहा है।
सड़क मार्ग से महाबलीपुरम से पूर्वी चंपारण तक की यह यात्रा लंबी और चुनौतीपूर्ण है। शिवलिंग को विराट रामायण मंदिर परिसर में पहुंचने में 20 से 25 दिन का समय लग सकता है। यह ट्रक महाबलीपुरम से होसुर, होसाकोट, देवनाहाली, कुरनूल, हैदराबाद, निजामाबाद, अदिलाबाद, नागपुर, सिवनी, जबलपुर, मैहर, सतना, रीवा, मिर्जापुर, आरा, छपरा, मसरख, मोहम्मदपुर, केसरिया से होते हुए चकिया (विराट रामायण मंदिर) पहुंचेगा। रास्ते में विभिन्न राज्यों के शहरों में भगवान भोलेनाथ के इस विशाल शिवलिंग का स्वागत भी किया जाएगा।
विराट रामायण मंदिर का निर्माण महावीर मंदिर न्यास समिति द्वारा कराया जा रहा है और यह दिवंगत आचार्य किशोर कुणाल का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यह मंदिर आकार में 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा। इसमें कुल 18 शिखर और 22 मंदिर होंगे। मुख्य शिखर की ऊंचाई 270 फीट होगी। महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव सायण कुणाल ने बताया कि मंदिर का प्रवेश द्वार, गणेश स्थल, सिंह द्वार, नंदी, शिवलिंग, गर्भ गृह का पाइलिंग (नींव) आदि का काम पूरा हो गया है। निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा कराने की कोशिश की जा रही है।
मंदिर प्रशासन के मुताबिक, विराट रामायण मंदिर का निर्माण हो जाने पर यह विश्व का सबसे बड़ा मंदिर होगा, जिससे बिहार का नाम विश्व के पटल पर पहले स्थान पर होगा। यह राज्य के लिए गर्व की बात होगी और बिहार बड़े धार्मिक पर्यटन स्थलों में भी शुमार हो जाएगा।
Updated on:
21 Nov 2025 05:26 pm
Published on:
21 Nov 2025 05:13 pm
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