धर्मनगरी डोंगरगढ़ (Photo Patrika)
CG News: धर्मनगरी डोंगरगढ़ जो मां बलेश्वरी की आस्था और पदयात्रियों की श्रद्धा का केन्द्र है, आने वाले वर्षों में एक नई पहचान बना सकती है। बशर्ते कि कुछ अहम अधूरे प्रोजेक्ट समय पर पूरे हो जाएं। विशेषज्ञों का मानना है कि चार बड़े प्रोजेक्ट डोंगरगढ़-कटघोरा रेल कॉरिडोर, मंदिर क्षेत्र कॉरिडोर, वाय शेप फ्लाईओवर ब्रिज और फुट ओवरब्रिज यदि अगले कुछ वर्षों में पूरे हो गए, तो यह शहर केवल धार्मिक नहीं, बल्कि पर्यटन, ट्रैफिक मैनेजमेंट और सुविधाजनक दर्शन में भी राज्य का आदर्श बन सकता है।
डोंगरगढ़-कटघोरा रेल कॉरिडोर योजना की घोषणा 8 वर्ष पहले हुई थी, जिसकी लागत 5000 करोड़ से अधिक आंकी गई थी। इस प्रोजेक्ट के पूरे होने से खैरागढ़, छुईखदान, गंडई, कवर्धा, लोरमी, पंडरिया जैसे इलाकों को सीधे हावड़ा-मुंबई रेलमार्ग से जोड़ दिया जाएगा। इन क्षेत्रों से हर साल हजारों पदयात्री नवरात्रि में माता के दरबार पहुंचते हैं, लेकिन रेल कनेक्टिविटी न होने से उन्हें भारी परेशानी होती है। इस योजना से दर्शनार्थियों की संया में जबरदस्त वृद्धि का अनुमान है।
मंदिर ट्रस्ट द्वारा प्रस्तावित इस योजना के अंतर्गत एक और रोपवे, ध्यान केंद्र, संग्रहालय, तथा दर्शन मार्ग को सुव्यवस्थित करने की योजना है। जमीन चिन्हांकन और ड्राट शासन को भेजा जा चुका है, लेकिन अब तक स्वीकृति नहीं मिली है। यदि यह योजना पूर्ण होती है, तो साल भर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिल सकेंगी।
नवरात्र के दौरान डोंगरगढ़ में भारी ट्रैफिक जाम आम बात है। इसी को देखते हुए ट्रस्ट चुनाव से पहले वाय शेप ब्रिज का भूमिपूजन किया गया था। यह ब्रिज ट्रैफिक व्यवस्था को नए स्तर पर सुधार सकता है, लेकिन निर्माण कार्य में देरी श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों के लिए चिंता का विषय है।
इन चारों योजनाओं की स्थिति फिलहाल अधूरी और लंबित है। स्थानीय नागरिकों, व्यापारियों और धार्मिक संगठनों की मांग है कि डोंगरगढ़ के विकास को प्राथमिकता दी जाए और इन महत्वपूर्ण योजनाओं को शीघ्र पूर्ण किया जाए। विशेषकर नवरात्रि जैसे पर्व के दौरान, जहां लाखों श्रद्धालु जुटते हैं, ऐसी परियोजनाएं सुव्यवस्था और धार्मिक पर्यटन के लिए अनिवार्य हैं।
शीतला मंदिर क्षेत्र में रेलवे द्वारा 4.50 करोड़ रुपए की लागत से फुट ओवरब्रिज बनाने की योजना है। यह पुल नीचे बलेश्वरी मंदिर और मंदिर अस्पताल के बीच आवागमन को सुरक्षित बनाएगा। खासकर नवरात्र जैसे भीड़भाड़ वाले समय में। ज्योति विसर्जन जैसे धार्मिक कार्यों के लिए यह सुविधा अत्यंत महत्वपूर्ण होगी, परन्तु यह प्रोजेक्ट भी धीमी गति से आगे बढ़ रहा है। नगर में सड़कों की हालत खस्ता है। नगर पालिका की ओर से मरमत को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मंदिर पहुंच मार्ग पर पड़ने वाले रेलवे के नाले के आसपास गंदगी पसरी रहती है। स्वच्छता के साथ ही सौंदर्यीकरण की दिशा में कार्य जरूरी है।
2011 के बाद डोंगरगढ़ का नया मास्टर प्लान नहीं आया है। इस वजह से बहुत से कार्य को लेकर परमिशन नहीं मिला है। ट्रस्ट की ओर से जरूरी प्रोजेक्ट को लेकर प्रस्ताव भेजा गया है।
Updated on:
29 Sept 2025 02:32 pm
Published on:
29 Sept 2025 02:31 pm
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