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उदयपुर में रेलवे ट्रैक पर फेंसिंग की जरूरत, सुरक्षा बढ़ेगी और हादसे होंगे कम

उदयपुर से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक पर फेंसिंग का काम लंबे समय से लंबित है। ट्रैक पर घूमने वाले पशुओं के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। इससे पशुओं की जान तो जाती ही है, ट्रेनों को भी नुकसान होता है। इसी को देखते हुए रेलवे ट्रैक के दोनों छोर पर फेंसिंग लगा रहा है। पर उदयपुर में अब तक किसी भी प्रमुख सेक्शन में यह कार्य शुरू नहीं हुआ है, जबकि आए दिन मवेशियों के रेल लाइन पर आने से हादसे हो रहे हैं।

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रेलवे ट्रैक। फाइल फोटो 

उदयपुर. उदयपुर से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक पर फेंसिंग का काम लंबे समय से लंबित है। ट्रैक पर घूमने वाले पशुओं के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। इससे पशुओं की जान तो जाती ही है, ट्रेनों को भी नुकसान होता है। इसी को देखते हुए रेलवे ट्रैक के दोनों छोर पर फेंसिंग लगा रहा है। पर उदयपुर में अब तक किसी भी प्रमुख सेक्शन में यह कार्य शुरू नहीं हुआ है, जबकि आए दिन मवेशियों के रेल लाइन पर आने से हादसे हो रहे हैं।

रेलवे ट्रैक शहर के बीचोंबीच कई आबादी वाले इलाकों से गुजरता है। इनमें देबारी, खेमपुरा, प्रतापनगर, सुभाष नगर, उदियापोल और सविना आदि है। इनमें से कई जगहों पर लोग भी प्रतिदिन ट्रैक पार करते हैं। कई बार बच्चे और बुजुर्ग भी रास्ता छोटा करने के लिए सीधे पटरियों से गुजरते हैं। इससे दुर्घटना की संभावना हमेशा बनी रहती है। इसके साथ ही अक्सर मवेशी ट्रैक पर घूमते रहते हैं।

जल्द शुरू होगा का काम

अजमेर मंडल के पालनपुर सेक्शन में यह काम करीब-करीब पूरा हो चुका है। ऐसे में आने वाले समय में उदयपुर में भी फेंसिंग का काम शुरू होने की पूरी संभावना है।

गत दिनों उमरड़ा में हुआ हादसा

उमरड़ा क्षेत्र में गत दिनों कुछ मवेशी असारवा से आ रही ट्रेन की चपेट में आ गए। इससे 3 मवेशियों की मृत्यु हो गई। इसी प्रकार करीब दो साल पूर्व स्टेशन के सविना वाले छोर पर कुछ भैंसें ट्रेन की चपेट में आ गई थी। कुछ की ट्रेन से टकराने से और कुछ की पुलिया से नीचे गिरने से मौत हो गई थी। इक्का-दुक्का मवेशियों क मरने की घटनाएं आमतौर पर होती रहती है।

बस्तियों में फेंसिंग की आवश्यकता अधिक

शहर में रेलवे ट्रैक के नजदीक कई जगह बस्तियां विकसित हो गई है। इनमें देबारी, खेमपुरा, सुंदरवास, सेवाश्रम ब्रिज के पास, सविना मंडी के पीछे आदि प्रमुख है। इन स्थानों पर हादसा होने की आशंका बनी रहती है।

फेंसिंग के लाभ

- ट्रैक के दोनों ओर फेंसिंग होने से आमजन और मवेशियों द्वारा ट्रैक पार करने की घटनाएं कम होंगी।

- ट्रैक साफ और बाधारहित रहने से ट्रेनों की गति बनी रहेगी, देरी में कमी आएगी।

- फेंसिंग के बाद रेलवे संपत्ति की सुरक्षा भी बढ़ेगी और शहर का दृश्य अधिक व्यवस्थित दिखेगा।

- दुर्घटना होने पर ट्रेन को आधे से एक घंटे तक रूकनापड़ता है, यह समय बचेगा और ट्रेनों की टाइमिंग में सुधार होगा।

रेलवे सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा मद के अंतर्गत भविष्य में इस योजना को प्रस्तावित किया जा सकता है। फिलहाल सर्वे और प्राथमिक अध्ययन की आवश्यकता बताई जा रही है।