रूस के सुदूर पूर्वी हिस्से में हुए दर्दनाक विमान हादसे में सवार सभी 48 लोगों की मौत हो गई है। यह हादसा तब हुआ जब एएन-24 नाम का एक पैसेंजर प्लेन, ब्लागोवेशचेंस्क शहर से उड़ान भरकर टिंडा की ओर जा रहा था।
यह इलाका रूस और चीन की सीमा के करीब स्थित है। प्लेन जैसे ही टिंडा के नज़दीक पहुंचा, रडार से उसका संपर्क टूट गया। बाद में रेस्क्यू टीमों ने घने जंगलों के बीच, एक पहाड़ी इलाके में उसका जलता हुआ मलबा खोजा। यह जगह टिंडा से करीब 15 किलोमीटर दक्षिण में थी।
हादसे के बाद अमूर क्षेत्र के गवर्नर वासिली ऑरलोव ने पुष्टि की कि विमान में सवार सभी यात्री और क्रू सदस्य मारे जा चुके हैं। उन्होंने पूरे इलाके में तीन दिन का शोक भी घोषित किया है।
रूसी सरकारी मीडिया द्वारा जारी की गई तस्वीरों में घने जंगलों के बीच बिखरा मलबा दिखाई दे रहा है, और वहां से धुआं उठता हुआ नजर आ रहा है।
ट्रांसपोर्ट प्रॉसिक्यूटर के अनुसार, प्लेन लैंडिंग की कोशिश कर रहा था, और पहली लैंडिंग की कोशिश असफल होने के बाद वह दूसरी बार उतरने की कोशिश कर रहा था, तभी उसका संपर्क पूरी तरह टूट गया।
इस फ्लाइट का संचालन सर्बिया की अंगारा एयरलाइंस द्वारा किया जा रहा था। शुरुआती रिपोर्टों में कहा गया था कि विमान में 49 लोग सवार थे, लेकिन बाद में अधिकारियों ने साफ किया कि संख्या 48 थी।
यह हादसा रूस की विमानन सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़ा करता है, खासकर दूरदराज के इलाकों में जहां मौसम और भूगोल उड़ानों को चुनौतीपूर्ण बनाते हैं।