मच्छरजन्य रोगों जैसे मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के खिलाफ एक अभिनव और अत्याधुनिक मुहिम की सोमवार से गांधीनगर महानगरपालिका ने प्रारंभ की है। इसका शुभारंभ महापौर मीरा पटेल ने पोर गांव स्थित तालाब से स्वयं ड्रोन उड़ाकर किया, जिन्हें इस पहल में नमो ड्रोन दीदी की संज्ञा दी गई।
मानव पहुंच से दूर दुर्गम क्षेत्रों में मच्छरनाशक दवाओं के छिड़काव की वर्षों पुरानी समस्या के समाधान के रूप में अब ड्रोन टेक्नोलॉजी से मच्छर नियंत्रण अभियान को नई गति मिल रही है।
मानसून में जलजमाव के कारण उत्पन्न मच्छर जन्य रोगों से निपटने के लिए महानगरपालिका की स्वास्थ्य टीमें नियमित तौर पर छिड़काव कार्य करती हैं, लेकिन बड़े तालाबों, ऊंची इमारतों की छतों, नालों, जलकुंभियों, निर्माण स्थलों, गड्ढों और जलाशयों जैसे दुर्गम स्थानों पर पहुंचना संभव नहीं होता।
अब इन क्षेत्रों में ड्रोन से सर्वेक्षण व छिड़काव किया जाएगा। ड्रोन तकनीक से मच्छरों की उत्पत्ति वाले स्थलों को पहचाना जाएगा, जिन्हें गूगलमैप पर लोकेशन (लैटीट्यूड-लॉन्गिट्यूड सहित) दर्ज किया जाएगा और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाइव डाटा अपलोड होगा।
कार्य की लाइव मॉनिटरिंग संभव
इन स्थलों की सफाई, लार्वीसाइड दवा के छिड़काव या खुले कंटेनरों की निकासी जैसे कार्यों के लिए ग्राउंड टीम और ड्रोन टीम को कार्य सौंपा जाएगा। कार्य की लाइव ट्रैकिंग और निगरानी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर की जा सकेगी। जहां ग्राउंड टीम की पहुंच नहीं होगी, वहां बड़े ड्रोन द्वारा सीधे दवाओं का छिड़काव किया जाएगा।
ड्रोन टेक्नोलॉजी की यह अभिनव शुरुआत गांधीनगर को मच्छरजन्य रोगों से मुक्त करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी और शहरी स्वास्थ्य प्रणाली को डिजिटल, आधुनिक व प्रभावशाली बनाएगी।
कार्यक्रम में उप महापौर नटवर ठाकोर, स्टैंडिंग कमेटी चेयरमैन गौरांग व्यास समेत कई पार्षद और अधिकारी उपस्थित रहे।