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पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा ऐलान: दीदी के रहते नहीं जाएंगे बंगाल, कथा कैंसिल होने पर बोले- ‘थैंक्यू…’

Pandit Dhirendra Shastri: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पश्चिम बंगाल में दीदी के हटने के बाद कथा करने का ऐलान कर दिया है।

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Pandit Dhirendra Shastri: इंटरनेशनल कथावाचक और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री अक्सर अपने बयानों के कारण सुर्खियों में बने रहते हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि वह ममता बनर्जी के रहते पश्चिम बंगाल में कथा नहीं करेंगे।
बता दें कि, पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा का आयोजन 10,11 और 12 अक्टूबर को हनुमंत कथा होनी थी। बारिश के कारण इसकी परमिशन रद्द कर दी गई।

धीरेंद्र शास्त्री बोले- दीदी के रहते बंगाल नहीं जाएंगे

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि अभी हमको पश्चिम बंगाल जाना था, तो दीदी ने हमको मना कर दिया। समझ गए हम किसकी बात कर रहे हैं, नाम नहीं लेना चाहते हैं...लो, परमिशन ही कैंसिल हो गई और दूसरी जगह परमिशन नहीं मिल रही। जहां थी, वहां पानी भर गया।

दीदी को थैंक्यू बोला

आगे बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने कहा कि फिर किसी ने कहा कि अब क्या कहोगे तो हमने कहा थैंक्यू बोल देना। इसका मतलब ये थोड़ी है कि हम अपना कार्य छोड़ देंगे। दीदी जब तक हैं, तब तक नहीं जाएंगे। दादा जब आएंगे तो जाएंगे। पर भगवान करे कि दीदी बनी रहे। हमें उनसे कोई दिक्कत नहीं। लेकिन बुद्धि ठीक रखें, धर्म के खिलाफ न जाएं। हम किसी राजनीति के पक्ष में नहीं हैं, न ही विरोध में हैं। हम सनातन के पक्ष में है। हिंदुत्व के पक्ष में थे और रहेंगे। ये बात धीरेंद्र शास्त्री ने रायपुर में कही।

बागेश्वर धाम में नहीं होगी VIP-VVIP मुलाकातें

बीते बुधवार को धीरेंद्र शास्त्री ने भक्तों से कहा था कि हम कहेंगे धाम पर पूरे में बैनर चिपकाए जाए। हां वीआईपी वीवीआईपी प्रोटोकॉल अब मान्य नहीं होंगे। क्योंकि हनुमान जी ने जो हमको कृपा आशीर्वाद दिया है। वह एसी में बैठने वाले लोगों का पर्चा बनाने के लिए सिद्धि नहीं मिली है। उनका भला करने के लिए सिद्धि नहीं मिली है। आपके अंदर धैर्य हो, श्रद्धा हो तो समय लेकर आओ। सेवक और भक्त बनकर आओ। नहीं तो बहुत गुरु जी हैं उनके पास जाओ। क्योंकि हमारे गुरु जी ने हमको बहुत डांटा। बीच में हम बहुत बिगड़ गए थे। जी -जी के चक्कर में ये फलाने जी, ये मुख्यमंत्री जी, ये फलाने जी, ढिकाने जी इस चक्कर में हम बहुत बिगड़ गए थे। लौट के बुद्धू घर को आए।