
Photo; PIB X Handle
मोहित शर्मा.
AI Fake Videos: जयपुर. दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार विस्फोट की घटना ने न केवल 12 निर्दोषों की जान ले ली, बल्कि सोशल मीडिया पर अफवाहों और फर्जी कंटेंट की बाढ़ भी ला दी। लोग AI का गलत उपयोग कर रहे हैं और तरह-तरह के फर्जी वीडियो बनाकर शेयर कर रहे हैं।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दिल्ली ब्लास्ट को लेकर आतंकी साजिश की आशंका जताई है, लेकिन प्रचारक अकाउंट्स और विदेशी ताकतें मिसइनफॉर्मेशन फैलाकर माहौल बिगाडऩे में जुटे हैं। प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) और फेक्ट-चेक एजेंसियों ने कई दावों को बेनकाब किया है, जो जांच को प्रभावित कर रहे हैं।
सबसे पहले, सोशल मीडिया Social Media Rumors पर वायरल एक वीडियो-जिसमें एक व्यक्ति धमाके के ठीक करीब खड़ा होकर कैमरा घुमाते हुए ब्लास्ट को 'फिल्माता' नजर आता है। यह एआई से जनरेटेड फेक कंटेंट साबित हुआ। फेक्ट-चेक वेबसाइट बूम ने खुलासा किया कि वीडियो के अस्वाभाविक मूवमेंट, लाइटिंग और साउंड इफेक्ट्स AI टूल्स (जैसे मिडजर्नी या डीपफेक) की निशानी हैं। यह एक्स, इंस्टाग्राम और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर हजारों बार शेयर हो चुका, जिससे पैनिक फैला। विशेषज्ञों का कहना है कि एआई से फेक न्यूज बनाना अब इतना आसान हो गया है कि सुरक्षा एजेंसियों को दोहरी चुनौती मिल रही है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने एक पुरानी इमेज को भी फर्जी बताया, जो कुछ प्रोपेगेंडा अकाउंट्स द्वारा दिल्ली ब्लास्ट से जोडक़र शेयर की जा रही थी। यह इमेज वास्तव में 2024 में लेबनान के बेरूत में इजरायली एयरस्ट्राइक के दौरान की है, न कि दिल्ली की। पीआईबी ने चेतावनी दी है कि "हमेशा विश्वसनीय स्रोतों से वेरिफाई करें, अफवाहें न फैलाएं।"
एक और झूठा दावा था कि दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी (लॉ एंड ऑर्डर) रविंद्र यादव ने ब्लास्ट को सीएनजी विस्फोट बताया है। पीआईबी ने इसे सिरे से खारिज कर दिया-कोई आधिकारिक बयान ऐसा नहीं दिया गया। जांच प्रभावित न हो, इसलिए केवल आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें।
सबसे गंभीर, पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा अकाउंट्स का दावा कि दिल्ली ब्लास्ट 'फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन' था, जिसका मकसद पड़ोसी देश को बदनाम करना है। पीआईबी ने इसे 'फर्जी और बेबुनियाद' करार देते हुए कहा "ऐसे मैसेज फॉरवर्ड न करें, प्रोपगैंडा को सफल न होने दें।" संदिग्ध कंटेंट की रिपोर्ट करें। दिल्ली पुलिस ने सभी पर चेतावनी जारी की है कि फर्जी वीडियोज और दावे जांच में बाधा डाल सकते हैं। ब्लास्ट के बाद कई पाकिस्तानी प्रोपेगैंडा अकाउंट सक्रिय हो गए हैं और लालकिले के पास हुए दिल्लीब्लास्ट को एक झूठा अभियान बताकर गलत सूचना फैलाकर भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
स्रोत सत्यापित करें, अफवाहें न फैलाएं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना एआई और डिजिटल प्रोपेगेंडा के खिलाफ नई रणनीति की जरूरत बता रही है।
Updated on:
12 Nov 2025 02:43 pm
Published on:
12 Nov 2025 02:00 pm
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