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Rajasthan Road Project: राजस्थान में यहां बनी थी 19 करोड़ रुपए से सड़क, 2 महीने बाद ही हुआ चौंकाने वाला खुलासा

19 करोड़ की लागत से बनी सांचौर–आमली सड़क के निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितता सामने आई है। दो माह पहले बनी सड़क के नौ स्थानों को जेसीबी से उखाड़े जाने के बाद निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ गए हैं।

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निर्माण के बाद फिर तोड़ी गई सड़क। फोटो- पत्रिका

सांचौर। सांचौर से आमली तक 19 करोड़ की लागत से बनी 11 किमी सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार और अनियमितता का मामला सामने आया है। सड़क निर्माण करने वाली कंपनी और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत का ऐसा खेल देखने को मिला कि दो माह पहले तैयार हुई सड़क को 11 किमी के दायरे में कुल 9 स्थानों पर जेसीबी से उखाड़ दिया गया।

जानकारी के अनुसार निर्माण के दौरान फर्म ने निर्धारित नियमों के विपरीत जमीनी तल से प्रथम लेयर डालने के बजाय सीधे कंक्रीट डालकर निर्माण कर दिया, जिससे सड़क की गुणवत्ता पर सीधा सवाल खड़ा हो गया। करीब 2 किमी बनी सीसी सड़क को भी तोड़कर रातों-रात नई लेयर डाल दी गई, ताकि पूर्व अनियमितताओं को छिपाया जा सके।

स्थानीय लोगों का आरोप

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि कंपनी ने सड़क के नमूने पास करवाने के लिए अलग-अलग प्वाइंट बनाकर नई सतह तैयार की है, ताकि विभागीय निरीक्षण के दौरान गुणवत्ता की खामियां सामने न आएं। इससे स्पष्ट है कि सड़क निर्माण में नियम, गुणवत्ता और मानकों की खुलेआम अवहेलना की गई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बड़े बजट वाले कामों में अनियमितताएं होना स्वाभाविक हैं।

निर्माण के बाद फिर से खुदाई

किसी भी निर्माण फर्म की ओर से सड़क पूरी होने के तुरंत बाद उसकी खुदाई करना असामान्य है। ग्रामीणों ने निर्माण कंपनी और संबंधित अधिकारियों पर मापदंडों की अनदेखी, गुणवत्ता से समझौता और वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाए हैं। किसी भी स्तर पर सीधे सीमेंट/कंक्रीट डालकर लेयर बायपास करना नियमविरुद्ध माना जाता है।

सांचौर-आमली सड़क में यह हुई गड़बड़ी

नियमित सबग्रेड-जीएसबी-डब्ल्यू एमएम प्रक्रिया के बजाय सीधे कंक्रीट डालकर सड़क तैयार की गई। निर्माण के तुरंत बाद 11 किमी क्षेत्र में 9 पॉइंट जेसीबी से उखाड़े गए। लगभग 2 किमी सीसी सड़क को भी तोड़ा गया, फिर बिना पर्याप्त अनुमति व गुणवत्ता प्रमाण के नई सतह रातों-रात बनाई गई।

ऐसे बनानी होती है सड़क

सबग्रेड (धरातल तैयारी) : मिट्टी को निर्धारित घनत्व तक कम्पैक्ट किया जाता है, ताकि सड़क की नींव मजबूत बन सके।
सब-बेस लेयर : धरातल के ऊपर दानेदार सामग्री की पहली परत-कुचल पत्थर/ग्रेवल, जिसका उद्देश्य भार को समान रूप से बांटना और पानी की निकासी सुनिश्चित करना है।
बेस लेयर : मशीन से मिश्रित मैकडम/वॉश्ड मास्टिक मैटेरियल बिछाया जाता है, यह सड़क का मुख्य स्ट्रेंथ लेयर होता है।
बाइंडर लेयर व बिटुमिनस लेयर : बिटुमिन क्रश मिश्रण को गर्म तापमान में बिछाकर रोलिंग की जाती है, यह परत सड़क की लोच, लोड सहने की क्षमता और फिसलन नियंत्रण का मुख्य आधार है।
फाइनल वेयरिंग कोर्स : ऊपरी सतह जिस पर वाहन चलते हैं- इस परत की गुणवत्ता सीधे सड़क की उम्र तय करती है। निर्माण में प्रत्येक परत के लिए निर्धारित मोटाई और गुणवत्ता नियंत्रण टेस्ट अनिवार्य होते हैं।

इनका कहना

सांचौर-आमली सड़क 19 करोड़ की लागत से बनी है, जिसमें कुछ कमियां पाई गईं और इसलिए उसे तोड़ा गया है। बड़े बजट वाले कामों में कभी-कभी इस तरह की अनियमितताएं देखी जाती हैं।

  • प्रदीप कुमार, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी सांचौर