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Rajasthan: B.Ed पास महिला ड्रग्स रैकेट में पति संग गिरफ्तार, 3 राज्यों में फैला नेटवर्क, ममेरा भाई असली मास्टरमाइंड

अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने वाडज इलाके से सांचौर निवासी दंपती को 35.77 लाख की एमडी ड्रग्स सहित गिरफ्तार किया। तलाशी में 357 ग्राम एमडी, वजन मशीन और पैकिंग सामग्री मिली। राजेश्वरी को उसका ममेरा भाई सुभाष रैकेट में लाया। यूपी, राजस्थान और गुजरात तक नेटवर्क फैला।

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जालोर

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Arvind Rao

Dec 03, 2025

Rajasthan Jalore Sanchore B.Ed Graduate Woman Held with Husband in Drug Racket

राजेश्वरी बिश्नोई और कमलेश बिश्नोई (फोटो- पत्रिका)

सांचौर (जालोर): गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में क्राइम ब्रांच ने एक बड़े ड्रग्स नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए राजस्थान के सांचौर निवासी दंपती को गिरफ्तार किया है। कार्रवाई अहमदाबाद के वाडज इलाके में एक किराए के मकान से की गई। जहां से 35.77 लाख रुपए मूल्य की एमडी (मेथाम्फेटामाइन) ड्रग्स बरामद की गई।

अहमदाबाद सिटी क्राइम ब्रांच के एसीपी भरत पटेल के नेतृत्व में टीम ने वाडज, अखबार नगर सर्कल के पास स्थित मकान पर दबिश दी। मौके से सांचौर निवासी कमलेश बिश्नोई (28) और उसकी पत्नी राजेश्वरी बिश्नोई (24) को गिरफ्तार किया गया।
तलाशी के दौरान पुलिस ने 357-358 ग्राम एमडी ड्रग्स के अलावा डिजिटल वजन मशीन, प्लास्टिक जिप बैग और पैकिंग सामग्री भी जब्त की। आशंका जताई गई है कि यह मकान लंबे समय से ड्रग्स सप्लाई के ठिकाने के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था।

सांचौर में बैठा ममेरा भाई असली मास्टरमाइंड

जांच में सामने आया कि अहमदाबाद में काम कर रहा कमलेश पिछले चार साल से वहीं रह रहा है, जबकि उसकी पत्नी शादी के बाद से एक साल से उसके पास रह रही थी। पुलिस के अनुसार, राजेश्वरी का ममेरा भाई सुभाष निवासी कांटोल (सांचौर) इस रैकेट का मास्टरमाइंड है। उसने राजेश्वरी को लालच देकर ड्रग्स सप्लाई के धंधे में शामिल किया। पिछले पांच महीनों में वह चार-पांच बार राजस्थान से अहमदाबाद एमडी ड्रग्स लाकर स्थानीय पैडलर्स को सप्लाई कर चुकी है।

लखनऊ से लाता था माल, तीन राज्यों में फैला नेटवर्क

पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि सुभाष गोदारा उत्तर प्रदेश के लखनऊ से एमडी ड्रग्स खरीदता था। वहां से माल राजस्थान के सांचौर पहुंचाया जाता था, जहां से उसे गुजरात भेजा जाता था। सुभाष न केवल दंपती को बल्कि कई अन्य सप्लायरों को भी ड्रग्स उपलब्ध कराता था। रिश्तेदार होने के चलते वह सप्लाई बिना भुगतान के देता था, जबकि बिक्री के बाद रकम ली जाती थी।

शिक्षित युवती, कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं

पुलिस के अनुसार, राजेश्वरी ने बीएड तक की पढ़ाई की है। जांच से पता चला है कि दंपती का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहीं है। सुभाष द्वारा दिए गए “तेज मुनाफे” के लालच में ही वह इस अवैध गतिविधि में शामिल हुई।

मुख्य आरोपी फरार, विशेष टीम गठित

फिलहाल, मुख्य आरोपी सुभाष गोदारा फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच ने विशेष टीम गठित की है। अधिकारी मानते हैं कि यह नेटवर्क यूपी, राजस्थान और गुजरात तक फैला हुआ है और कई स्तरों पर सक्रिय है। गिरफ्तार दंपती के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।