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Delhi Blast: दिल्ली ब्लास्ट से पहले एक आरोपी को भेजे गए थे 42 वीडियो, उनमे क्या था? जांच में हुआ एक और खुलासा

फरीदाबाद के अल फलाह मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गनई को विदेशी हैंडलर हंजुल्लाह ने एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए बम बनाने के 42 वीडियो भेजे थे।

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भारत

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Mukul Kumar

Nov 21, 2025

Delhi Car blast New revelation Maps and Red Fort blast plans shared on Threema app

दिल्ली लाल किला कार धमाके में बड़ा खुलासा। (फोटो- IANS)

दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार विस्फोट मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। फरीदाबाद के अल फलाह मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों से जुड़े तीन कथित विदेशी हैंडलर्स में से एक ने गिरफ्तार आरोपी मुजम्मिल अहमद गनई को एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए बम बनाने के 42 वीडियो भेजे थे। जांचकर्ताओं के हवाले से द इंडियन एक्सप्रेस ने यह जानकारी दी।

तीन हैंडलर्स के सामने आए नाम

दिल्ली विस्फोट मामले में तीन हैंडलर्स के नाम सामने आए हैं। जिनमें हंजुल्लाह, निसार और उकासा शामिल हैं। जांचकर्ताओं ने यह भी कहा कि यह नकली नाम हो सकते हैं, असली पहचान नहीं हो पाई है।

दिल्ली ब्लास्ट जांच के शुरुआती नतीजों से वाकिफ पुलिस सूत्रों ने बताया कि हंजुल्लाह नाम का व्यक्ति कथित तौर पर 35 साल के डॉ. गनई को बम बनाने के 40 से ज्यादा वीडियो भेजता था, जिसने आतंकी मॉड्यूल द्वारा इस्तेमाल किए गए विस्फोटकों के स्टोरेज का इंतजाम किया था।

10 दिन पहले गनई को किया गया था गिरफ्तार

डॉ. गनई को ब्लास्ट से 10 दिन पहले गिरफ्तार किया गया था। उसके ठिकानों से 350 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट समेत 2,500 किलो से ज्यादा विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी।

इसके अलावा, सूत्रों ने एक और अहम खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि इस मामले का तार एक और विदेशी हैंडलर जुड़ा है। जिसकी पहचान मोहम्मद शाहिद फैसल के रूप हुई है। जो पहचान छिपाने के लिए कर्नल, लैपटॉप भाई और भाई जैसे नकली नामों का इस्तेमाल करता है।

माना जाता है कि उसने 2020 में बम धमाकों को अंजाम देने के लिए कर्नाटक और तमिलनाडु में आतंकी मॉड्यूल के साथ कोऑर्डिनेट किया था।

कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है फैसल

जांचकर्ताओं के अनुसार, फैसल उर्फ ​जाकिर उस्ताद बेंगलुरु से इंजीनियरिंग ग्रेजुएट है, जो 2012 में 28 साल की उम्र में लापता हो गया था।

यह उस समय की बात है, जब बेंगलुरु में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े कई युवा इंजीनियरों, डॉक्टरों और अन्य लोगों के आतंकी प्लॉट का पता चला था।

खबर है कि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उसे प्लॉट में एक मुख्य खिलाड़ी के रूप में पहचाने जाने के बाद वह पाकिस्तान भाग गया।

सूत्रों के अनुसार, फैसल हाल ही में सीरिया-तुर्की बॉर्डर पर चला गया था और रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट की एनआईए जांच में भी उसकी पहचान हुई, जहां उसे एक फरार आरोपी के रूप में नामजद किया गया है।

वहीं, दिल्ली जांच और दक्षिण भारत में कई टेरर जांचों से जो वाकिफ हैं, उन सूत्रों ने कहा- दिल्ली की घटना कर्नाटक और तमिलनाडु में हाल की घटनाओं से जुड़ी हो सकती है। हैंडलर लेवल पर ऑपरेशन्स में समानताएं हैं। इसकी स्टडी की जा रही है, लेकिन और जानकारी का इंतजार है।

कोयंबटूर कार सुसाइड बम घटना से मिलता-जुलता मामला

दक्षिण भारत में हाल की घटनाओं में, लाल किले का धमाका 23 अक्टूबर, 2022 को कोयंबटूर सुसाइड कार बम धमाके से सबसे ज्यादा मिलता-जुलता है, जहां एक लाइब्रेरी चलाने वाली मैकेनिकल इंजीनियरिंग ग्रेजुएट जेमशा मुबीन (28) की कोयंबटूर में एक मंदिर के बाहर सुबह 4 बजे हुए कार धमाके में मौत हो गई थी।

धमाके में एक मारुति 800 कार का इस्तेमाल किया गया था, जिसे सिर्फ बम धमाके के इरादे से सेकंड-हैंड खरीदा गया था। यह गाड़ी मुबीन चला रहा था, अकेला हताहत हुआ।

जांच करने वालों का मानना ​​है कि उसने कार में LPG धमाका करने के लिए IED का इस्तेमाल किया। मुबीन से जुड़ी प्रॉपर्टी की तलाशी में पोटेशियम नाइट्रेट, रेड फॉस्फोरस, PETN पाउडर, बैटरी और दूसरी चीजें जब्त की गईं।

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